लखनऊ (दिवाकर सिंह)। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र की अध्यक्षता में मिशन कर्मयोगी के संबंध में बैठक आहूत की गयी। बैठक में महानिदेशक उपाम/नोडल अधिकारी मिशन कर्मयोगी, उ0प्र0 द्वारा मिशन कर्मयोगी पर पी०पी०टी० के माध्यम से प्रस्तुतीकरण दिया गया। अपने संबोधन में मुख्य सचिव ने कहा कि मिशन कर्मयोगी का उद्देश्य भारतीय सिविल सेवकों को और भीअधिकर चनात्मक, सृजनात्मक, विचारशील, नवाचारी, अधिक क्रियाशील, प्रगतिशील, ऊर्जावान, सक्षम, पारदर्शी और प्रौद्योगिकी समर्थ बनाते हुए भविष्य के लिये तैयार करना है। यह योजना सिविल सेवक को आचरण और व्यवहार के उच्च स्तर को बनाये रखने के लिये प्रेरित करती है, ताकि वह लोगों को विश्वास अर्जित कर सकें और अपने साथियों और अधीनस्थों द्वारा अनुकरण करा सकें। उन्होंने कहा कि मिशन कर्मयोगी पोर्टल पर प्रदर्शित आँकड़ों में प्रदेश के रजिस्टर्ड एमडीओ तथा कर्मयोगी की संख्या ज्ञात कर ली जाए और सभी मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को इस बारे में सेंसटाइज करने के लिये आगामी मंगलवार को समस्त मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों के साथ प्रस्तावित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में योजना के बारे में संक्षेप में प्रस्तुतीकरण दिया जाए। इससे पूर्व, महानिदेशक उपाम ने मिशन कर्मयोगी का सामान्य परिचय दिया और भारत सरकार द्वारा अभी तक की गयी कार्यवाही, कर्मयोगी मिशन की मूल अवधारणा, विजन, मिशन द्वारा इसके प्रमुख 06 स्तंभ व आई गॉट प्लेटफार्म (i GoT Plateform) के बारे में विस्तार से अवगत कराया। बैठक में मिशन कर्मयोगी के दार्शनिक आयाम तथा उत्तर प्रदेश द्वारा अद्यतन कृत कार्यवाही एवं अग्रिम वाँछित कार्यवाही के संबंध में भी चर्चा की गयी। बैठक में अपर मुख्य सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक श्री देवेश चतुर्वेदी, विशेष सचिव गोपन के साथ-साथ उपाम की अपर निदेशक, उप निदेशक व सहायक निदेशक व अन्य सम्बन्धित अधिकारीगण आदि उपस्थित रहे।