करछना, प्रयागराज (दीपक शुक्ला)।यमुनापार में कभी चार दशक पहले हेमवती नंदन बहुगुणा और शास्त्री जी के अथक प्रयास से देवघाट, धनावल, कोहड़ार घाट, नारीबारी पेयजल योजनाओं का निर्माण कराया गया था। नदियों से पानी उठाकर क्षेत्र के मेजा, करछना, बारा, कोरांव के सुदूर सैकड़ों गांवों में पानी पहुंचाया जा रहा था। कालांतर में पेयजल योजनाओं की बदहाली से कई गांव के लोगों को गर्मी के दिनों में पेयजल की समस्या से हलाकान होना पड़ रहा है। जागृति मिशन द्वारा दशकों पूर्व से ही पेयजल की गंभीर समस्या को सूरज वार्ता सहित अन्य समाचार पत्रों में प्रकाशित करने के साथ साथ जनप्रतिनिधियों समेत शासन, प्रशासन का घेराव करते हुए इसके लिए गुहार लगाई गई थी। यह प्रयास रंग लाया और इसे गंभीरता से लेते हुए अब केंद्र सरकार द्वारा सर्फेस वाटर पेयजल परियोजना के तहत पहाडी क्षेत्रों के सुदूर गांवों में पानी पहुंचाने के लिए खाका तैयार किया जा चुका है। शीघ्र ही गंगा, यमुना नदियों पर इसका निर्माण कर पानी पहुंचाया जाएगा। यह बातें अधिवक्ता रमेश द्विवेदी की अध्यक्षता में तहसील परिसर करछना में हुई एक बैठक के दौरान मिशन के संयोजक भाजपा नेता डॉ. भगवत पांडेय ने कही।
उन्होने बताया कि विगत गर्मी के दिनों में कोरांव, शंकरगढ़ के पथरीले क्षेत्र में बसे गांवों मजरों में लगातार पानी के अभाव में लोगों को जूझना पड़ता था। सैकड़ों टैंकरों द्वारा सुदूर गांवों में पानी पहुंचाया जाता था जो सिर्फ ऊंट के मुंह में जीरे की तरह साबित होता था। विगत दिनों अधिशाषी अभियंता राकेश वैश्य से वार्ता करने पर ज्ञात हुआ कि पानी के इस गंभीर समस्या को लेकर भारत सरकार द्वारा सर्फेस वाटर पेयजल योजना के तहत कई करोड़ रुपये की परियोजना का पूरा खाका तैयार हो चुका है। बैठक के दौरान दिनेश तिवारी, शोभनाथ द्विवेदी, मनीष तिवारी, कमला शंकर त्रिपाठी, सुनील प्रजापति राजमणि चौधरी, विद्याधर मिश्र, कृष्णा कांत निषाद, रिंकू सिंह समेत कई लोग मौजूद रहे।