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निकाय चुनाव: बुजुर्गों में दिखा युवाओं का जोश, इनके हौसले को हर किसी ने किया सलाम

SV News

प्रयागराज (राजेश सिंह)। लोकतंत्र के सबसे बड़े पर्व चुनाव में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए हर बार कुछ ऐसे लोग सामने आते हैं, जो न सिर्फ हमें प्रेरणा देते हैं, बल्कि उन पर हमें फक्र भी होता है। इस बार के चुनाव में भी ऐसे कुछ लोगों ने मतदान में हिस्सा लेकर हमें लोकतंत्र में वोट के महत्व को बखूबी समझाया है। मुट्ठीगंज के हटिया स्थित मतदान केंद्र से निकलते 102 वर्षीय सहादत अली उर्फ सद्दन भाई नजर आए। लाठी के सहारे अकेले ही मतदान करने पहुंचे थे।
सहादत अली ने बताया कि अभी उनको किसी सहारे की जरूरत नहीं है। उनकी हड्डियों में इतनी ताकत है कि वह इस लोकतंत्र के सबसे बड़े पर्व में अपनी उपस्थित दर्ज करा सकते हैं। 102 वर्ष के सहादत अली को जिसने भी मतदान केंद्र से बाहर निकलते देखा, उनकी प्रशंसा किए बिना नहीं रह सका।
अरैल मतदान केंद्र से 90 वर्षीया पन्ना देवी व 88 वर्ष की कृष्णा देवी परिवार की बहू के साथ वोट देकर निकल रही थीं। बहू दोनों को सहारा दे रही थी। सेवानिवृत्त शिक्षिका बनी बोस चलने में असमर्थ हैं, लेकिन व्हील चेयर पर बैठकर मतदान करने गईं।
मताधिकार का प्रयोग करने के बाद अपनी अंगुली पर लगी स्याही दिखाई। मानो वह यह पूछ रही हो कि हमने तो वोट दे दिया, आप कहां हैं। अहिराना बस्ती में रहने वाली दिव्यांग महिला को केपी इंटर कालेज स्थित पोलिंग बूथ से मतदान कर बाहर निकलते देख हर किसी ने तारीफ की।
अतरसुइया स्थित खत्री पाठशाला में बेटे सुनील के साथ वोट देकर घर जा रहीं 75 वर्षीया उर्मिला देवी ने बताया कि पैदल चलना मुश्किल होता है। मतदान करना बेहद जरूरी होता है, इसलिए वह बेटे को लेकर यहां पहुंची। झूंसी स्थित गंगदीप कालोनी से एक महिला ट्राई साइकिल को खुद चलाकर छतनाग की जा रही थी।
पीछे बेटी सहारा दे रही थी। पूछने पर महिला ने खुद का नाम गुड़िया बताते हुए कहा कि वह हमेशा लोकतंत्र के इस पर्व में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कराती हैं। ऐसे ही तमाम लोग थे, जो चलने फिरने में भले ही असमर्थ थे, लेकिन अपने मताधिकार के प्रति सजग थे। उन्होंने अपने मताधिकार का प्रयोग कर ऐसे लोगों को आईना दिखाने का काम किया है, जो अपने कर्तव्य से विमुख रहे।

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