प्रयागराज (राजेश सिंह)। नगर निकाय चुनाव में संगमनगरी के लोग मतदान के मामले में पूरे प्रदेश में सबसे फिसड्डी साबित हुए। महापौर और पार्षदों के चुनाव में कुल 15 लाख 69 हजार 774 मतदाताओं में से सिर्फ 4 लाख 94 हजार 471 ने ही मताधिकार का प्रयोग किया। मतदान का यह प्रतिशत 31.45 रहा। पिछले दो निकाय चुनावों की तुलना में इस बार 1.13 फीसदी मत अधिक पड़े हैं। 2017 के निकाय चुनाव में 30.32 और 2012 में 27.80 प्रतिशत मतदान हुआ था। वहीं, जिले की आठ नगर पंचायतों में कुल 58.08 फीसदी वोटिंग हुई।
नगर निकायों के लिए पहले चरण में बृहस्पतिवार को 37 जिलों में मतदान हुआ। प्रयागराज में नगर निगम और आठ पंचायतों काे मिलाकर कुल 33.61 फीसदी वोटिंग हुई, जो प्रदेश में सबसे कम रही। राजधानी लखनऊ मतदान प्रतिशत में नीचे से दूसरे स्थान पर रहा। वहां नगर निगम तथा पंचायतों में मिलाकर कुल 38.62 फीसदी मतदान हुआ।नगर निगम के 354 मतदान स्थलों के लिए 1180 बूथों पर सुबह सात बजे से मतदान हुआ। शुरुआत में 50 से अधिक बूथों पर ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायत रही।
25 ईवीएम बदलने भी पड़े। इसकी वजह से संबंधित बूथों पर मतदान कुछ देर के लिए बाधित रहा। करेली के लेखपाल प्रशिक्षण केंद्र समेत कई मतदान स्थलों पर फर्जी मतदान की शिकायत रही। 15 लोग पकड़े भी गए। इसके अलावा मतदाता सूची में भी गड़बड़ी की भी शिकायत रही। हालांकि, इन शिकायतों के अलावा मतदान शांतिपूर्वक ढंग से निपट गया। एक-दो जगहों पर झड़प के अलावा कहीं और बवाल की सूचना नहीं रही।
शुरू के दो घंटे में मतदान काफी धीमा रहा और सुबह नौ बजे तक मात्र 3.72 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। दिन में 11 से तीन बजे के बीच अपेक्षाकृत मतदान में तेजी आई लेकिन इसके बाद फिर बूथों पर सन्नाटा रहा। मतदान के दौरान मतदान स्थलों पर फोर्स तैनात रही। अतिसंवेदनशील प्लस 25 बूथों की वेबकॉस्टिंग भी की गई। 65 बूथों पर वीडियोग्राफी कराई गई। मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत, डीएम संजय कुमार खत्री समेत अन्य अफसर फोर्स के साथ लगातार निरीक्षण करते रहे।
प्रयागराज की आठ नगर पंचायतों में अध्यक्ष एवं सदस्यों के लिए कुल 58.08 प्रतिशत मतदान हुआ। इसमें कोरांव में सबसे अधिक 68.39 तथा सबसे कम फूलपुर में 54.69 फीसदी मतदान हुआ। नगर पंचायतों में मतदान बैलेट पेपर से सुबह सात बजे शुरू हुआ। सुबह से ही मतदान के प्रति उत्साह दिखा और नौ बजे तक 8.45 फीसदी मतदान हो गया था। दिन बढ़ने के साथ मतदान बढ़ता गया। आखिरी के एक घंटे में ही आठ प्रतिशत से ज्यादा मतदान हुआ।
पांच बजे तक 49.93 फीसदी हुआ था। वहीं छह बजे तक 58.08 मतदान हुआ। पंचायतों में वोटिंग के मामले में महिलाएं आगे रहीं। महिलाओं का मत प्रतिशत 58.42 तथा पुरुषों का 57.77 फीसदी रहा। सिरसा में 63.96, हंडिया में 59.99, भारतगंज में 57.19, शंकरगढ़ में 55.85, लालगोपालगंज में 55.25, मऊआइमा में 56.96 प्रतिशत मतदान हुआ। मतदान के बाद ईवीएम संबंधित तहसीलों में बने स्ट्रांग रूप में रखे गए।
प्रयागराज नगर निगम में वोट देने के मामले में महिलाएं पुरुषों की तुलना में कुछ पीछे रह गईं। पुरुषों का आंकड़ा महिलाओं से ढाई फीसदी अधिक रहा। महिलाओं का वोट प्रतिशत 30.01 रहा, जबकि पुरुषों का 32.59 फीसदी।
बृहस्पतिवार को महापौर और पार्षदों के लिए हुए मतदान में चुनावी बस्तों को आधार मान लें तो मूल लड़ाई भाजपा और सपा के बीच ही दिखाई दी। बस्तों में जुटी भीड़ से हार-जीत के संकेत भी साफ दिखाई देते हैं। शहर में कुल 354 पोलिंग स्टेशन बनाए गए। यहां के 1180 बूथों पर लोगों ने मताधिकार का प्रयोग किया। शहर पश्चिम, शहर उत्तरी, शहर दक्षिणी के साथ विस्तारित क्षेत्र में सभी प्रमुख दलों ने पोलिंग स्टेशन के पास ही मतदाताओं की सहूलियत के लिए बस्ते लगाए। अधिकांश जगह भाजपा और सपा के बस्तों पर ही समर्थकों की भीड़ दिखाई दी।
इन बस्तों का बोझ बच्चे नहीं, बल्कि राजनीतिक कार्यकर्ता उठाते हैं। सभी मतदेय स्थलों पर सुबह छह बजे से ही राजनैतिक दलों ने बस्ते लगा रखे थे। पार्टी के झंडे भी लगाए गए, ताकि मतदाता समझ सके कि उन्हें किस स्टॉल पर पर्ची के लिए आना है। भाजपा और सपा ने तमाम वोटरों को उनके घरों पर ही वोटर पर्ची एक-दो दिन पूर्व पहुंचा दी थी।
बैरहना में महिला सेवा सदन इंटर काॅलेज, नवीन महिला इंटर काॅलेज, जमुना क्रिश्चियन इंटर काॅलेज, मेरी वाना मेकर, ब्वॉयज हाईस्कूल, गर्ल्स हाईस्कूल, राधारमण, बिशप जानसन, इंडियन गर्ल्स काॅलेज, सेवा समिति इंटर काॅलेज, राजकीय इंटर काॅलेज, एमएल कान्वेंट, ठाकुर दीन का हाता, महर्षि वाल्मीकि इंटर काॅलेज, अग्रसेन इंटर काॅलेज आदि पोलिंग स्टेशनों पर भाजपा और सपा के बस्ते पर ही वोटर लिस्ट में अपना नाम ढूंढने और पर्ची बनवाने वालों की ज्यादा भीड़ रही। हालांकि, कुछ बस्तों में कांग्रेस और बसपा भी मजबूत दिखी।
दारागंज कच्ची सड़क की रहने वाले सुधा यादव, अनुभव यादव, सारिका, सुनील यादव, धनजति देवी समेत सैकड़ों मतदाता बृहस्पतिवार को जब राधा रमण इंटर कॉलेज स्थित मतदान केंद्र वोट देने पहुंचे तो पता चला कि वोटर लिस्ट में उनका नाम ही नहीं है। जॉर्जटाउन में मदन मोहन मालवीय रोड से जुड़ी एक गली में रहने वाले सभी परिवारों के नाम वोटर लिस्ट से गायब थे।
ये तो कुछ उदाहरण हैं। नगर निकाय चुनाव के मतदान के दौरान ऐसे हजाराें मामले सामने आए। तकरीबन सभी वार्डों में वोटर लिस्ट से नाम गायब होने की शिकायतें आती रहीं। बुजुर्ग वोटरों को मतदान केंद्रों से खाली हाथ लौटना पड़ा। कर्नलगंज में रहने वाले 77 वर्षीय वीरेंद्र साहू वोटर लिस्ट में नाम न होने से अपने जीवन में पहली बार मतदान से वंचित रह गए। वह सेंट एंथोनी गर्ल्स इंटर कॉलेज में मतदान के लिए पहुंचे थे। एक घंटे भटकने के बाद भी मतदान का मौका नहीं मिला।
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य सिविल लाइंस स्थित महर्षि वाल्मीकि इंटर कॉलेज से जब मतदान के बाद लौटने लगे तो वहां मौजूद तमाम वोटरों ने उनसे मतदाता सूची में नाम न हो की शिकायत की। वोटरों ने कहा कि पिछले निकाय चुनाव में उनका नाम वोटर लिस्ट में था, लेकिन इस बार नाम नहीं है। इस पर डिप्टी सीएम ने वहां मौजूद पूर्व पार्षद आनंद सोनकर और नामित पार्षद मनोज कुशवाहा एवं पवन श्रीवास्तव से कहा कि आप वोटरों की समस्या का समाधान कराएं।