150 और बसों की भेजी गई डिमांड
प्रयागराज (राजेश सिंह)। संगम नगरी प्रयागराज से इसी वर्ष 50 और ई-बसों का संचालन शुरू हो जाएगा। प्रयागराज में वर्तमान समय 50 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन हो रहा है, लेकिन शहरी आबादी व सीमा विस्तार होने के कारण इन बसों की संख्या पर्याप्त नहीं मानी जा रही है। इसी को लेकर शासन से यहां ई बसों की संख्या बढ़ाए जाने की मांग की गई थी, जो शासन स्तर से मंजूर भी कर ली गई है। वर्ष के अंत तक यहां 100 ई बसें चलने लगेंगी।
प्रयागराज में दिसंबर 2021 में यहां पहली बार ई बसों को हरी झंडी दिखाई गई थी। इसके बाद बेड़े में लगातार इन बसों की संख्या बढ़ती गई। प्रयागराज सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड के तहत वर्तमान में यहां 50 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन हो रहा है, लेकिन शहरी आबादी और सीमा का विस्तार होने की वजह से इन बसों की संख्या पर्याप्त नहीं मानी जा रही है।
उधर, जेएनएनयूआरएम योजना के तहत वर्ष 2007-2008 में ली गई 120 डीजल से चलने वाली सिटी बसों का संचालन पूर्ण रूप से फरवरी 2023 में बंद हो गया। 50 ई बसें सिर्फ पांच रूट पर ही चलने की वजह से लोगों को आवागमन में खासी परेशानी हो रही है। प्रयागराज में वर्ष 2025 में महाकुंभ है। इस वजह से यहां 150 और ई बसों की डिमांड की गई है।
तय है कि महाकुंभ के पूर्व ये बसें प्रयागराज को मिल भी जाएंगी, लेकिन वर्तमान समय यात्रियों को हो रही दिक्कत की वजह से इसी वर्ष 150 में से 50 ई बसों की डिमांड प्रयागराज सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड की ओर से की गई हैं। शासन से भी इन बसों को प्राथमिकता के आधार पर प्रयागराज को आवंटित करने की बात कही गई है।
जल वाली सिटी बस बंद होने की वजह से ई बसों की डिमांड काफी बढ़ गई है। कुंभ तक 200 बसें यहां मिल जाएंगी। इस वर्ष भी चरणबद्ध तरीके से प्रयागराज को बसों का आवंटन हो सकता है। -एमके त्रिवेदी, निदेशक, प्रयागराज सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड।
26 रूट पर हो रहा था बसों का संचालन
शहर में डीजल से चलने वाली 120 बसों का संचालन कुल 26 रूट पर हो रहा था। इन बसों से तकरीबन 400 संविदा कर्मी जुड़े हुए हैं। यमुनापार, गंगापार के तमाम इलाकों से शहर आने वाले लोगों को इन बसों से खासी सहूलियत थी, लेकिन एक-एक करके इन सभी बसों का संचालन फिटनेस खत्म हो जाने की वजह से बंद कर दिया गया।
सूबे में सबसे ज्यादा आबादी वाले प्रयागराज जिले में 120 बसों के बंद हो जाने के बाद ग्रामीण अंचल से आने वाले लोगों के साथ ही शहर में रहने वाले छात्र-छात्राओं को भी काफी समस्या हो रही है। ऐसें में जिले की लाखों की आबादी महज 50 ई बसों पर ही टिकी हुई है। 50 और ई बस मिलने से शहरियों के साथ ही ग्रामीण अंचल के लोगों को भी राहत मिलेगी।
कई ऐतिहासिक यादों को समेटने वाले कुंभ 2019 की तर्ज पर वर्ष 2025 में आयोजित महाकुंभ को पहले से और दिव्य एवं भव्य बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। 2019 की तरह रोडवेज 2025 में भी कुंभ में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए शटल बस का संचालन करेगा। हालांकि, इस बार शटल बसों की संख्या 500 की जगह एक हजार रहेगी।
महाकुंभ को पहले से ज्यादा भव्य करने की तैयारी में योगी सरकार जुटी हुई है। रोडवेज श्रद्धालुओं के लिए एक हजार शटल बसें चलाने की तैयारी कर रहा है। खास बात यह है कि सभी बसें नई ही रहेंगी। इन बसों का संचालन शहरी क्षेत्र में ही होगा और आसपास के कस्बों एवं महाकुंभ के मद्देनजर शहर के बाहर बनाई जाने वाली वाहन पार्किंग से भी इसे जोड़ा जाएगा।इस बारे में यूपी रोडवेज प्रयागराज परिक्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक एमके त्रिवेदी का कहना है कि 500 की जगह एक हजार शटल बसें चलाई जाएंगी। इसके रूट का निर्धारण महाकुंभ के पूर्व हो जाएगा।
बता दें कि पिछले कुंभ में पहली बार यूपी रोडवेज ने श्रद्धालुओं के लिए फ्री शटल बस सेवा उपलब्ध करवाई थी। तब सहसों से नवाबगंज के बीच फोरलेन हाईवे पर 500 शटल बसों का एक साथ संचालन किया गया। इन सभी बसों की 3.50 किमी तक एक साथ परेड हुई। इसे तब वर्ल्ड रिकार्ड में भी दर्ज किया गया।