प्रयागराज (राजेश सिंह)। वाराणसी रेल मार्ग पर पेट्रोलिंग कर रहे गैंगमैन की ट्रेन से कटकर मौत हो गई। इसके बाद लापरवाही की हद तब पार हो गई जब उसके शव को ट्रैक से हटाए बिना ही एक ट्रेन और गुजार दी गई। घटना की सूचना पाकर सरायइनायत पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर एसआरएन में पोस्टमार्टम के लिए भेजा। वहीं, इस घटना का वीडियो भी वायरल हो गया।
प्रयागराज-वाराणसी रेलवे मार्ग पर रविवार को झूंसी-रामनाथ रेलवे स्टेशन के बीच शाम को तीन बजे पेट्रोलिंग कर रहे गैंगमैन योगेंद्र प्रताप सिंह की ट्रेन से कटकर मौत हो गई। योगेंद्र पूर्वोत्तर रेलवे के बनारस मंडल में कार्यरत थे। गैंगमैन की ड्यूटी कीमैन की अनुपस्थिति में ट्रैक पेट्रोलिंग पर लगाई गई थी। गैंगमैन की मौत के बाद भी उसके शव को ट्रैक से नहीं हटाया गया और विभूति एक्सप्रेस को उसी ट्रैक से गुजार दिया गया। घटना को लेकर रेलकर्मियों में आक्रोश पैदा हो गया।
योगेंद्र पोल नंबर 316-26 के बीच ट्रैक की जांच कर रहे थे, इसी बीच वह बलिया-प्रयागराज मेमू पैसेंजर जो रामबाग स्टेशन से बलिया की ओर जा रही थी उसकी चपेट में आ गए और उनकी मौके पर ही मौत हो गई। ट्रेन के लोको पायलट ने कंट्रोल रूम पर सूचना दी, लेकिन घटना स्थल पर न तो जीआरपी पहुंची और न ही आरपीएफ।
इसी बीच रामबाग स्टेशन से रवाना हुई विभूति एक्सप्रेस ने भी योगेंद्र के शव को रौंद दिया। इसके बाद सराय इनायत थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए शव को रवाना किया। योगेंद्र दो भाइयों में छोटे और अविवाहित थे। बेटे की मौत से मां मीरा देवी का रो-रोकर बुरा हो गया।
उधर, घटना की जानकारी पर योगेंद्र के साथी कर्मचारी आक्रोशित हो गए। कर्मचारियों के अनुसार गैंगमैन को प्रमोशन के बाद कीमैन बनाया जाता है। इन्हें ट्रैक की पेट्रोलिंग की ट्रेनिंग दी जाती है, लेकिन विभाग ने लापरवाही करते हुए गैंगमैन को बिना किसी ट्रेनिंग के ट्रैक पर उतार दिया। इसी तरह कई अन्य गैंगमैन को भी कीमैन की ड्यूटी पर जबरन भेज दिया जाता है। दूसरी ओर वाराणसी मंडल के पीआरओ अशोक कुमार का कहना है कि घटना के थोड़ी देर बाद गैंगमैन का शव रेल ट्रैक से हटा दिया गया था। उसके बाद ही विभूति एक्सप्रेस को वहां से निकाला गया।