मेजा,प्रयागराज।(हरिश्चंद्र त्रिपाठी)
क्षेत्र के भइयां ग्राम पंचायत में तहसील का सर्वाधिक तालाब हैं। बावजूद इसके अधिकतर तालाबों में जलभराव नहीं है। पूर्व प्रधान बन्धू आदिवासी, भारतीय जनता पार्टी कोहड़ार मंडल अध्यक्ष गोविंद प्रसाद मिश्र, राजकुमार,जियना देवी आदि ने बताया कि ग्रामीणों द्वारा मेहनत करके नहर से पानी तालाबों तक पहुंचाया जाता है। किंतु तालाबों में पाईप लगाकर बंधाई न होने की वजह से पानी बाहर निकल जाता है । पंचायती राज अधिनियम के तहत तालाबों एवं कुओं को संरक्षित करते हुए दुरुस्त रखने की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत को दी गई है किन्तु इस गांव में तालाबों की दशा बेहद खराब है।कई तालाब तो अतिक्रमण के जद में हैं जबकि ऐसे भी तालाब हैं जिनमें नये प्रधानमंत्री आवास बनते दिखाई दे रहे हैं। ग्राम लेखपाल गौरीशंकर ने बताया कि ऐसे लाभार्थियों द्वारा तालाब की भूमि पर प्रधानमंत्री आवास बनाए जा रहे हैं जिनके पास आवासीय भूखण्ड का अन्यत्र पट्टा है व मना करने पर भी न मानने की वजह से मुकदमा पंजीकृत कराया गया है। पर्यावरण संरक्षण एवं तालाबों को सुरक्षित रखने की मुहिम चला रहे जनसुनवाई फाउंडेशन के जनपद प्रभारी अधिवक्ता विवेक सिंह रानू ने ग्राम प्रधान पति दिनेश आदिवासी पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधान द्वारा पाईप के नाम पर धन निकासी की गई है जबकि एक भी पाइप गांव में कहीं भी नहीं लगाई गई न ही तालाबों में पाईप लगाकर पानी को ही संरक्षित किया जा रहा है।इसी तरह से तालाबों पर प्रधानमंत्री आवास का निर्माण भी लाभार्थियों से पैसा लेकर कराया जा रहा है। ग्रामीणों की मानी जाय तो कई तालाबों में खेती की जाती है तो कई तालाबों में मकान बनाने की होड़ सी लगी है। आश्चर्यजनक बात लगती है कि तहसील स्तरीय अधिकारियों का भी आना-जान भी लगा रहता है किन्तु किसी भी प्रकार से अतिक्रमण पर हस्तक्षेप नहीं किया जाता है जिसकी वजह से अतिक्रमण कर्ताओं को लगता है कि तालाबों को पूरी तरह से निस्तनाबूत भी कर देने पर कोई समस्या नहीं है।