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आपरेशन दृष्टि: आर्टिफ़िशियल इन्टेलिजन्स की मदद से हाईटेक हो रही प्रयागराज पुलिस

SV News

प्रयागराज (राजेश सिंह)। आगामी कुम्भ से पहले प्रयागराज पुलिस आर्टिफ़िशियल इन्टेलिजन्स की मदद से हाईटेक हो जाएगी। ऑपरेशन दृष्टि के तहत मोबाईल टॉवर, शराब की दुकानों और पेट्रोल पंपों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने की कवायद पुलिस ने शुरू कर दी है। इन कैमरों को आइसीसीसी से जोड़ने की डीपीआर बनाने पर मंथन शुरू हो गया है। इसी क्रम में जिला आबकारी अधिकारी को सीसीटीवी लगवाने के निर्देश देने के लिए पुलिस अधिकारी ने पत्र लिखा है।


बाइट - आईपीएस अभिनव त्यागी, डीसीपी यातायात

पुलिस महानिदेशक की विशेष पहल पर प्रयागराज पुलिस के द्वारा 10 जुलाई से ऑपरेशन दृष्टि चलाया जा रहा है जिसके नोडल अधिकारी अभिनव त्यागी, डी.सी.पी. यातायात हैं। अभिनव त्यागी, डी.सी.पी. यातायात ने आर्टिफ़िशियल इन्टेलिजन्स का विशेष प्रशिक्षण प्राप्त किया है जिस कारण उन्हे इस ऑपरेशन की कमान सौंपी गई है। वह अपनी विशेष टीम और थानों की मदद से सीसीटीवी लगवा रहे हैं। अब तक उनके द्वारा शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में 700 कैमरे लगवाए जा चुके है। इन सीसीटीवी की निगरानी के लिए थानों पर जनसहयोग से कंट्रोल रूम बनाए जाएंगे। जिले में सबसे पहले डीसीपी गंगानगर अभिषेक भारती द्वारा थाना फूलपुर में कंट्रोल रूम बनवाया गया है। उल्लेखनीय है कि अभिषेक भारती आईआईटी रुड़की से इंजीनियर हैं। 
सीसीटीवी के डार्क स्पॉट एवं डायल 112 पर शिकायतों के हॉट स्पॉट के आधार पर ऑपरेशन दृष्टि के कैमरा लगाने के स्थानों को चुना जा रहा है। थाने की टीमों को ऐसे स्थान चिन्हित करने का टास्क दिया गया है जहां सीसीटीवी न लगे हो। डायल 112 और थानों की मदद से डकैती, लूट, स्नैचिंग, टप्पेबाजी के हॉट स्पॉट को पहचानने का काम किया जा रहा है। इसी ऑपरेशन के तहत पूर्व में पुलिस अधिकारियों के द्वारा व्यापार मण्डल और कोचिंग संस्थानों के मैनेजरों के साथ बैठक की जा चुकी है। ग्रामीण इलाकों के अलावा शहर के कई मोहल्लों और बाजारों में सीसीटीवी नहीं लगे थे, जनजागरूक कर वहाँ भी कैमरे लगवाए जा रहे हैं। 
शासन के निर्णय के अनुसार प्रयागराज समेत 18 जनपद को सेफ सिटी प्रोजेक्ट के लिए चिन्हित किया गया है। प्रयागराज पुलिस सेफ सिटी प्रोजेक्ट की शुरुआत ऑपरेशन दृष्टि के कैमरों को आर्टिफ़िशियल इन्टेलिजन्स की मदद से और हाइटेक बनाने की योजना बना रही है। अभी तक चल रहे त्रिनेत्र एप की तकनीक, जिसके द्वारा चेहरे से किसी भी व्यक्ति का आपराधिक इतिहास का पता पुलिस को चल रहा था, का प्रयोग ऑपरेशन दृष्टि के कैमरों में करने की योजना पुलिस तैयार कर रही है।
शराब के ठेकों, पेट्रोल पम्प और मोबाईल टॉवर को ऑपरेशन दृष्टि से जोड़कर अपराध नियंत्रण की योजना है। शराब के ठेकों पर आपराधियों व अराजक तत्वों का भी आवागमन होता है। यहाँ के कैमरों से ऐसे तत्वों पर रोक लगाने में मदद मिलेगी। 


बाइट - आईपीएस अभिषेक भारती, डीसीपी गंगानगर

लोगों को किया जा रहा जागरूक

ऑपरेशन दृष्टि के तहत अधिक से अधिक कैमरे लगवाने के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है। जनता के द्वारा इस अभियान में अच्छा सहयोग मिल रहा है। आर्टिफ़िशियल इन्टेलिजन्स के उपयोग से आपराधियों पर शिकंजा कसना आसान हो जाएगा  - अभिनव त्यागी, डी.सी.पी. यातायात 

देहात क्षेत्र में भी सीसीटीवी कवरेज बढ़ाई जा रही है

अभी तक शहरी क्षेत्रों में सीसीटीवी की कवरेज ग्रामीण क्षेत्रों की अपेक्षाकृत ज्यादा है। ऑपरेशन दृष्टि की मदद से देहात क्षेत्रों में सीसीटीवी की कवरेज बढ़ाई जा रही है। जिले का पहला कंट्रोल रूम गंगानगर में स्थापित किया गया है जो ग्रामीण क्षेत्रों की इस ऑपरेशन में रुचि को प्रदर्शित करता है- अभिषेक भारती, डीसीपी गंगानगर

• दिनांक 10 जुलाई से ऑपरेशन दृष्टि चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत अब तक 700 से अधिक कैमरे लगाए जा चुके है। 
• त्रिनेत्र एप की तरह अपराधियों के चेहरे पहचानने की योजना। 
• शराब की दुकान से मोहल्ले तक पुलिस रखेगी नजर।

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