नई दिल्ली। आईसीसी के नियमों के मुताबिक, पांच सितंबर तक सभी देशों को विश्व कप के लिए अपने प्रारंभिक 15 खिलाड़ियों की सूची सौंपनी होगी। 27 सितंबर तक प्रारंभिक सूची में बदलाव की अनुमति होगी। दिलचस्प बात यह है कि भारत-ऑस्ट्रेलिया सीरीज 27 सितंबर को समाप्त होगी।
भारत अक्तूबर-नवंबर में वनडे विश्व कप की मेजबानी करेगा। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के चयनकर्ताओं के सामने टीम चयन की चुनौती है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि 15 सदस्यीय दल में अतिरिक्त तेज गेंदबाज के तौर पर किसे शामिल किया जाएगा। शार्दुल ठाकुर और जयदेव उनादकट दावेदारों में सबसे आगे हैं, लेकिन दोनों में से किसी एक को ही चुना जाएगा। अब देखना है कि चयनकर्ता शार्दुल-उनादकट को लेकर क्या फैसला लेते हैं।
जहां तक टीम चयन की बात है तो आईसीसी के नियमों के मुताबिक, पांच सितंबर तक सभी देशों को विश्व कप के लिए अपने प्रारंभिक 15 खिलाड़ियों की सूची सौंपनी होगी। 27 सितंबर तक प्रारंभिक सूची में बदलाव की अनुमति होगी। दिलचस्प बात यह है कि ऑस्ट्रेलिया सीरीज 27 सितंबर को समाप्त होगी और वही प्रारंभिक सूची में बदलाव की आखिरी तारीख है। ऐसे में किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए अगर भारत अंतिम टीम चुनने से पहले एशिया कप और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज दोनों के लिए लगभग 16 से 18 सदस्यों को ले जाए।
भारत विश्व कप में अपने अभियान की शुरुआत आठ अक्तूबर को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चेन्नई में करेगा। इस मैच में दो महीने का वक्त है लेकिन टीम अब तक संतुलित नहीं है। भारतीय टीम प्रबंधन कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। चोटिल बल्लेबाजों केएल राहुल और श्रेयस अय्यर की उपलब्धता निश्चित रूप से भारत को खिताब के दावेदारों में से एक बनाएगी। भारतीय चयनकर्ताओं के सामने यह चुनौती भी है कि वह अतिरिक्त तेज गेंदबाज और तीसरे स्पिनर के तौर 15 सदस्यीय टीम में किसे शामिल करें।
जसप्रीत बुमराह पीठ के निचले हिस्से में स्ट्रेस फ्रैक्चर के बाद वापसी कर रहे हैं। वह आयरलैंड में तीन टी20 मैचों में टीम इंडिया की कप्तानी करेंगे। वह 80 प्रतिशत फिटनेस के बाद भी विश्व कप में खेलेंगे। उनके साथ मोहम्मद शमी और मोहम्मद सिराज भी विश्व कप खेलेंगे। हार्दिक पांड्या टीम के चौथे तेज गेंदबाज होंगे और उम्मीद की जा रही है कि वह हर मैच में कम से कम छह से आठ ओवर करेंगे।
प्रदर्शन और गुणवत्ता के मामले में शार्दुल काफी आगे हैं और उन्होंने वेस्टइंडीज में तीन वनडे मैचों में आठ विकेट लेकर फिर से अपनी काबिलियत साबित की है। हालांकि, इस सेट-अप में उनादकट के पक्ष में एक बात यह जाती है कि वह बाएं हाथ के तेज गेंदबाज हैं। उनके पास काफी विविधता है। यह बात उनादकट के पक्ष में जाती है। वहीं, शार्दुल के पक्ष में उनकी बल्लेबाजी क्षमता भी है।
भारतीय टीम में रवींद्र जडेजा और कुलदीप यादव का बतौर मुख्य स्पिनर चुना जाना तय है। तीसरे स्पिनर के लिए युजवेंद्र चहल और अक्षर पटेल में टक्कर है। दरअसल, अक्षर काफी हद तक जडेजा की तरह गेंदबाजी करते हैं। वह उनकी तरह उपयोगी पारी भी खेल सकते हैं। ऐसे में दो एक ही तरह के खिलाड़ी को टीम में रखना मुश्किल होगा। अक्षर को रिजर्व खिलाड़ी के तौर पर चुना जा सकता है। चहल अपनी लेग स्पिन से काफी विविधता लाते हैं और इसका फायदा उन्हें मिल सकता है।
भारतीय टीम प्रबंधन श्रीलंका में आगामी एशिया कप के दौरान केएल राहुल को पूरी तरह से फिट करने के लिए बेताब है, लेकिन कर्नाटक के इस सीनियर खिलाड़ी को अपने साथी बुमराह की तरह खुद को तैयार करना होगा। वेस्टइंडीज के खिलाफ तीन मैचों की सीरीजद के दौरान प्रयोगों का अपना दौर पूरा करने के बाद टीम मैनेजमेंट अब ज्यादा प्रयोग नहीं करेगा। वह एशिया कप और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज में 18-19 प्रमुख खिलाड़ियों को ही आजमाएगा।
समाचार एजेंसी पीटीआई से बीसीसीआई के एक सूत्र ने कहा, श्श्चयनकर्ता और टीम प्रबंधन राहुल और श्रेयस दोनों को रिकवरी का पूरा मौका देना चाहते हैं। राहुल निश्चित रूप से रिकवरी के मामले में काफी आगे हैं और पूर्ण मैच फिटनेस के करीब हैं, लेकिन उन्हें मैच फिटनेस हासिल करने की आवश्यकता है। इंस्टाग्राम वीडियो से पता चलता है कि वह अच्छी तरह रिकवरी कर रहे हैं, लेकिन 50 ओवर के मैच में कीपिंग और कम से कम 30 ओवर की बल्लेबाजी से ही यह साबित होगी कि वह कितने फिट हैं।
विश्व कप के लिए संभावित कोर ग्रुप
रोहित शर्मा (कप्तान), शुभमन गिल, विराट कोहली, श्रेयस अय्यर, केएल राहुल, हार्दिक पांड्या (उपकप्तान), रवींद्र जड़ेजा, मोहम्मद शमी, मोहम्मद सिराज, जसप्रीत बुमराह, कुलदीप यादव, सूर्यकुमार यादव, ईशान किशन (विकेटकीपर), अक्षर पटेल, संजू सैमसन, शार्दुल ठाकुर, जयदेव उनादकट, युजवेंद्र चहल।