तबादला होने के बाद भी स्थगित हुआ आदेश
आम जनमानस में उठा बड़ा सवाल, ईलाज के लिए पिस रहे मरीज
प्रयागराज (राजेश सिंह)। मेरे द्वारा किया गया तबादला आदेश पर किसी कारण वश क्रियान्वन कुछ दिनों के लिए स्थगित कर दिया गया है। चौंकिए नहीं यह शब्द किसी राज नेता अथवा साधू महात्मा के नहीं बल्कि प्रयागराज जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आशू पांडेय के हैं। एक ही अस्पताल में विगत दस वर्षों से कार्यरत चिकित्सक का तबादला होने के बाद भी आखिर कार अचानक इतनी मेहरबानी क्यों?
दरअसल मामला सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मेजा से जुड़ा हुआ है। बता दें कि विगत कई वर्षों से सीएचसी मेजा की कमान अधीक्षक के रूप में डॉ. ओम प्रकाश के हाथों में सौंपी गई थी। इस दौरान अस्पताल में मरीजों की देखरेख एवं शासन द्वारा दी जा रही जन कल्याणकारी दवाइयों तथा उनके गुणवत्ता पूर्वक ईलाज में काफी अनियमितता एवं भ्रष्टाचार का बोलबाला कई बार अखबारों की सुर्खियां बन चुका है। किन्तु जिले के स्वास्थ्य विभाग के बड़े अधिकारियों में इस ओर कभी ध्यान नहीं था। गौरतलब है कि इसी सितम्बर माह में बीते 18 तारीख को मेजा तहसील के गेदुराही पहाड़ी पर स्थित एक कॉलेज में शिक्षारत लगभग 27 छात्राएं जिनकी उम्र 14 से 15 वर्ष तक थी। अचानक स्कूल में बीमार होकर बेहोश हो गईं थी। छात्राओं की दशा देखकर विद्यालय में हड़कंप मच गया था। तपश्चात आनन-फानन में सभी छात्राओं को उपचार के लिए अभिभावक एवं उनके परिजन सीएचसी मेजा अस्पताल में ले गये थे। बता दें कि अस्पताल के हालात को देखकर सैकड़ों की संख्या में पहुंचे अभिभावक व परिजन भड़क उठे थे। भारी उमस भरी गर्मी में छात्राओं को दवा ईलाज के लिए जिस वार्ड में भर्ती किया गया था, वहां एक भी पंखा नहीं था। जनरेटर की हालत खस्ता थी। बेड पर गंदे धब्बेदार चद्दर बिछे हुऐ थे, जिसको लेकर पूरे अस्पताल में अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ था। इसी बीच पूरे प्रकरण की भनक स्थानीय मीडिया को लगी। मीडिया तथा स्थानीय प्रशासन की इंट्री होने के बाद छात्राओं के ईलाज चल रहे वार्ड में किसी तरह पंखे की व्यवस्था अधीक्षक डॉ. ओम प्रकाश द्वारा कराई गई थी। प्रकरण के बावत स्थानीय मीडिया के माध्यम से मामले की जानकारी वर्तमान सीएमओ डॉ आशू पांडेय को दी गई थी। इस दौरान सीएचसी मेजा में व्याप्त भ्रष्टाचार एवं डॉ. ओम प्रकाश द्वारा मरीजों की सुख सुविधा में बरती जा रही घोर लापरवाही की खबर सुर्खियों में आने पर सीएमओ डॉ आशू पांडेय द्वारा कड़ा एक्शन लिया गया और अधीक्षक डॉ. ओम प्रकाश का तबादला तत्काल प्रभाव से सीएचसी रामनगर कर दिया गया था। जिसका बकायदा मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रयागराज द्वारा लिखित आदेश भी जारी किया गया था। सीएचसी मेजा के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ समीम अख्तर को बतौर अधीक्षक मेजा की कमान दी गई थी। डॉ. समीम अख्तर के कार्यभार ग्रहण करने की खबर भी अखबारों में प्रकाशित हुई थी। किन्तु मजे की बात तो यह है कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रयागराज द्वारा तबादला आदेश का क्रियान्वयन अभी तक क्यों नहीं हो पा रहा है। यह आम जनमानस में एक बड़ा सवाल बना हुआ है। इतना ही नहीं सीएचसी मेजा में अधीक्षक की कुर्सी को लेकर दोनों चिकित्सकों में ठनी हुई है। जिसमें दूर दराज से आए हुए मरीज पिस रहे हैं। ऐसे में जिम्मेदार कौन होगा? रही बात जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आशू पांडेय की तो उनसे फोन पर बात करने पर उन्होंने स्पष्ट लहजे में दबे हुए मन से यह कहा कि मेरे द्वारा किया गया तबादला पर आदेश क्रियान्वयन की कार्यवाही कुछ समय के लिए रोक दी गई है। अब यहां यह भी बड़ा सवाल उठना लाजमी है कि क्या पूर्व अधीक्षक डॉ ओम प्रकाश के सिर पर किसी बड़े राजनैतिक सफेदपोश नेता का हाथ तो नहीं है या फिर जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी को मोटी रकम मिल गई। जबकि शासनादेश है कि कोई भी सरकारी कर्मचारी एक ही स्थान पर तीन वर्ष से अधिक तैनात नहीं रह सकता है, तो ऐसे में आखिर कार प्रयागराज के सीएमओ डॉ.आशू पांडेय, डॉ. ओम प्रकाश पर इतने मेहरबान क्यों हो गये हैं।