छठ गीतों से गुंजायमान हुए घाट, व्रती महिलाओं ने किया पारण
प्रयागराज (राजेश शुक्ल/राजेश सिंह)। आस्था, उल्लास के महापर्व छठ पर आज संगम, बलुआघाट, नैनी अरैल सहित कई अन्य गंगा घाटों पर आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा। सिर पर दउरा लिए लाखों कदम 3 बजे से ही घाटों की ओर जाते दिखे। मन में छठ मइया की भक्ति लिए व्रती महिलाएं छठी मइया के गीत गाते हुए घाटों पर पहुंची।
जैसे-जैसे भोर हो रही थी सभी की निगाहें भगवान भास्कर की ओर टिकी रहीं। जैसे ही सूर्य देव ने झांका जयकारों के साथ व्रती महिलाओं ने उगते सूर्य को अर्घ्य दिया। इसके बाद सुहागिनों ने एक-दूसरे को सिंदूर टीककर अचल सुहाग की कामना की।
उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद भक्तजनों ने प्रसाद ग्रहण किया। इसके बाद महापर्व छठ की समाप्ति हो गई। उपवास करने वाले व्रती महिलाओं ने भी अन्न-जल ग्रहण किया। आज तड़के ही लोग घाट पर एकत्रित होने लगे थे। सूर्याेदय तक छठ मइया की पूजा की गई। फिर उगते सूर्य को अर्घ्य दिया। इसके बाद महिलाओं ने अपने-अपने घरों में पूजा करने के बाद उपवास तोड़ा। इस तरह चार दिवसीय छठ महापर्व का समापन हो गया।