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नेशनल हाईवे पर सड़क हादसों में होने वाली मौतों में दूसरे नंबर पर प्रयागराज

SV News

प्रयागराज (राजेश सिंह)। नेशनल हाईवे पर सड़क हादसों से होने वाली मौतों के मामले में प्रयागराज प्रदेश के दूसरे नंबर पर है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 2022 में नेशनल हाईवे पर होने वाली मौतों का देशव्यापी आंकड़ा जारी किया तो यह बात सामने आई। सड़क हादसे के दौरान मौत के मामलों में ही नहीं प्रयागराज घायलों के मामलों में भी प्रदेश में दूसरे नंबर पर है। 2022 की बात करें तो प्रयागराज क्षेत्र के नेशनल हाईवे पर 603 मौतें हुईं और 886 लोग घायल हुए।
हाईवे पर तमाम सेफ्टी अभियान चलाने के बाद भी 2021 की तुलना में 2022 में सड़क हादसों की संख्या, मौत और घायलों की संख्या बढ़ गई। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश में कानपुर के बाद प्रयागराज में हाईवे से गुजरना सबसे ज्यादा खतरनाक है। उत्तर प्रदेश में हाईवे पर वर्ष 2022 में कुल 6523 सड़क हादसे हुए, जिसमें 3335 लोगों की मौत हुई और 5530 लोग घायल हुए।
अगर प्रयागराज के आंकडों को देखा जाए तो यहां पर 1370 हादसे हुए। इनमें 603 लोगों की मौत हुई और 886 लोग घायल हुए। रिपोर्ट के मुताबिक हादसों के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार ओवर स्पीडिंग है। इस पर लगाम लगाने के लिए प्रयागराज में किसी भी नेशनल हाईवे पर व्यवस्था नहीं है।
प्रयागराज ट्रैफिक पुलिस ने हाईवे अथॉरिटी के साथ पिछली तीनों मीटिंग में स्पीड राडार गन लगाने की मांग की लेकिन आज तक सुनवाई नहीं हुई। प्रयागराज से सात नेशनल हाईवे गुजरते हैं। जाहिर है कि स्पीड राडार गन का न होना ओवर स्पीडिंग का सबसे बड़ा कारण है। रिपोर्ट बताती है कि इसी कारण प्रयागराज एनएच हादसों में दूसरे नंबर पर है।
रिपोर्ट के अनुसार हाईवे पर हादसों में दोपहिया वाहन सवार सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं। रिपोर्ट में ओवर स्पीडिंग के अलावा ड्रंक एंड ड्राइव, रांग साइड, मोबाइल फोन पर बात करते हुए वाहन चलाने को भी हादसों का बड़ा कारण बताया गया है।
डीसीपी ट्रैफिक रविशंकर निम का कहना है कि नेशनल हाईवे पर ओवर स्पीडिंग रोकने के लिए हाईवे अथॉरिटी से स्पीड राडार गन लगाने के लिए कहा गया है।

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