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रामलीला के दूसरे दिन नारद मोह का मंचन देख मंत्रमुग्ध हुए दर्शक

SV News

मेजा, प्रयागराज (श्रीकान्त यादव)। मेजा के गुनई गहरपुर गांव में रामलीला समिति की ओर से आयोजित नारद मोह लीला देख दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। गांव के ही रामलीला मंडल के कलाकारों ने रामलीला का मंचन किया। पूजा-अर्चना के बाद नारद मोह लीला प्रारंभ हुई।
संचालन कर रहे शिक्षक वीरेन्द्र सिंह यादव ने बताया कि लीला में यह दर्शाया कि नारद एक जगह भगवान के भजन में इतने लीन हो जाते हैं कि इंद्र का सिंहासन हिल जाता है। सिंहासन जाने के भय के चलते इंद्र नारद के तप को भंग करने के लिए कामदेव और अप्सरा भेजते हैं। फिर भी नारद का ध्यान भंग नहीं होता है तो कामदेव नतमस्तक हो जाता है और नारदजी से क्षमा मांगते है। इसकी जानकारी होने पर नारद को अभिमान हो जाता है कि उन्होंने कामदेव को जीत लिया है। इसकी जानकारी वह एक-एक करके ब्रह्मा, महेश और विष्णु को देते हैं। अभिमान को खत्म करने के लिए भगवान विष्णु ने अपनी माया से सुंदर नगर और सुंदर राजकुमारी की रचना की। जहां पहुंचकर नारद श्रीलनिधी राजा के आग्रह पर उनकी बेटी विश्वमोहिनी की हस्तरेखा देखते हैं। हस्तरेखा देखकर नारद विश्वमोहिनी से विवाह करना चाहते हैं और भगवान विष्णु से हरि रूप लेकर आते हैं। जबकि हरि रूप में उन्हें बंदर का रूप दिया जाता है। इस दौरान भगवान विष्णु मौके पर पहुंच जाते हैं और विश्वमोहिनी से विवाह करते हैं। यहां नारद श्राप देते हैं कि जिस प्रकार में एक स्त्री के लिए व्याकुल हुआ हूं। उसी प्रकार आपको (विष्णु भगवान) को भी एक स्त्री के वियोग में व्याकुल होना पड़ेगा। इसके साथ ही जिस बंदर का चेहरा दिया है। ऐसे बंदर ही पृथ्वीलोक पर आपकी मदद करेंगे। इसे विष्णु भगवान स्वीकार करते हैं और बताते हैं कि यह सब तो उनकी माया थी। रामलीला समिति के प्रबंधक धर्मराज यादव ने रामलीला देखने पहुंचे पूर्व जिला पंचायत सदस्य सुरेश यादव, नोएडा राजकीय इंटर कॉलेज के वरिष्ठ प्रवक्ता अशोक तिवारी व साईं लैब मुंबई के निदेशक देशराज यादव को सम्मानित किया। इस मौके पर रामलीला के संरक्षक, अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सहित सभी पदाधिकारी एवं दर्शक मौजूद रहे।

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