सोलर हाइब्रिड का किया जाएगा इस्तेमाल
प्रयागराज (राजेश सिंह)। तंबुओं की नगरी में पहली बार सूर्य की रोशनी से बिजली मिलेगी। मेला क्षेत्र में लगने वाली स्ट्रीट लाइट्स में सोलर हाइब्रिड का इस्तेमाल किया जाएगा। ये स्ट्रीट लाइट ऐसी होंगी, जो सूर्य की रोशनी से चार्ज होकर जलेंगी। अगर मौसम या किसी अन्य गड़बड़ी की वजह से वो चार्ज नहीं हो सकेंगी, तो बिजली से जलेंगी। माघ मेला में इसका परीक्षण छोटे तौर पर किया जा रहा है। अगर इसका परिणाम अच्छा रहा तो महाकुंभ-2025 में व्यापक स्तर पर इसका इस्तेमाल किया जाएगा।
विद्युत महकमे की ओर से माघ मेला क्षेत्र में 18 हजार स्ट्रीट लाइटें लगाई जा रही हैं। इनमें करीब तीन हजार हाईमास्ट लाइट लगाई जा रही हैं। वहीं, 165 बड़े सोलर हाइब्रिड और तकरीबन 1200 छोटे सोलर लाइट्स से मेला क्षेत्र को रोशन करने का कार्य हो रहा है। विभाग की ओर से यह सोलर हाइब्रिड लाइट माघ मेला के चौराहों और पांटून पुलों पर लगाया जाएगा, ताकि इसकी उपयोगिता को परखा जा सके।
15 जनवरी से धर्म और आस्था का यह मेला शुरू हो रहा है। विद्युत विभाग 31 दिसंबर तक अपने पूरे काम खत्म कर लेने में जुटा हुआ है। मेला क्षेत्र में बिजली महकमे की ओर से 340 किलोमीटर से ज्यादा लंबे तार और बिजली के खंभे भी लगाए जा रहे हैं।
माघ मेले में ट्रांसफार्मर पर परंपरागत तरीके से लगने वाले फ्यूज के साथ ही आधुनिक एमसीसी स्टार्टर भी लगाए जा रहे हैं, ताकि तकनीकी खराबी का पता लगाया जा सके। एमसीसी से फाल्ट को खोजने में बिजलीकर्मियों को सहूलियत होगी। इस तकनीक का इस्तेमाल भी माघ मेला में पहली बार होगा।
मेला क्षेत्र में बसने वाले कल्पवासियों को विद्युत विभाग की ओर से कनेक्शन भी दिया जाएगा। साधु, संत और संस्थाओं के शिविरों में रोशनी के लिए करीब 65 हजार कनेक्शन दिए जाने की योजना है। इस बार मेला क्षेत्र का थोड़ा विस्तार किया गया है, इसलिए विद्युत विभाग की ओर से भी और भी ज्यादा तैयारियों की जा रही हैं।
मेला क्षेत्र में बिना किसी बाधा के 24 घंटे बिजली की सप्लाई दी जाएगी। इसके लिए महकमे की ओर से तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। मेला क्षेत्र में 21 सब स्टेशनों से बिजली की निर्बाध और सुरक्षित बिजली की आपूर्ति दी जाएगी। - प्रमोद कुमार सिंह, मुख्य अभियंता, विद्युत विभाग