प्रयागराज (राजेश सिंह)। जननी सुरक्षा योजना के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। गर्भवती की सारी जांचें सरकारी संस्थानों में होती है,लेकिन ज्यादा कमीशन के लालच में आशा निजी अस्पतालों ले जाकर प्रसव करा रही हैं। आधा दर्जन से अधिक सीएचसी हैं, जहां पर स्थिति निराशाजनक है। स्वरूप रानी नेहरू चिकित्सालय में भी प्रसव का स्तर गिरा है। जिले में 900 से अधिक है निजी अस्पताल हैं, लेकिन 130 ही स्वास्थ्य विभाग के पोर्टल पर प्रसव की जानकारी साझा कर रहे हैं। वहीं, स्वास्थ्य विभाग कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूरी करता है।
हाल ही में डीएम ने दोषी आशाओं के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे, लेकिन हालात सुधरने के बजाय और बिगड़ गए। गर्भवती का जननी सुरक्षा योजना के तहत सरकारी अस्पताल में रजिस्ट्रेशन करा कराया जाता है। साथ ही प्रसव से पूर्व होने वाली प्रत्येक तीसरे माह की जांचें भी सरकारी संस्थान में होती है, लेकिन प्रसव निजी अस्पताल में करा दिया जाता है। इस प्रकार के एक दो नहीं, बल्कि हजारों केस हैं।
योजना के तहत सरकारी व प्राइवेट संस्थानों को 50-50 फीसदी प्रसव अपने यहां कराने का लक्ष्य दिया जाता है। सरकारी व प्राइवेट सभी को प्रसव की जानकारी स्वास्थ्य विभाग के पोर्टल पर देनी होती है। वर्ष 2023 में 65 हजार का लक्ष्य दिया गया था, जिसके सापेक्ष 21 सीएचसी व शहर के तीनों अस्पतालों को मिलाकर 40 हजार प्रसव दर्ज किए जा सके।
जननी सुरक्षा योजना महिलाओं के सुरक्षित प्रसव को लेकर है। ऐसे में जो आशाएं सरकारी की जगह निजी अस्पतालों में प्रसव करवा रही हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही निजी अस्पतालों को नोटिस जारी किया जाएगा कि वह प्रसव संबंधित जानकारी साझा करें। - डॉ. आशु पांडेय, सीएमओ प्रयागराज