प्रयागराज (राजेश सिंह)। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रावासों में वॉश आउट सोमवार से शुरू हो गया। शुरुआत डॉ. ताराचंद छात्रावास से की गई। सुबह नौ बजे बड़ी संख्या में फोर्स अवैध छात्रों का कब्जा हटाने के लिए हॉस्टल पर पहुंची तो अंत:वासियों में खलबली मच गई। विश्वविद्यालय प्रशासन ने पहले ही नोटिस जारी कर छात्रावासों से अवैध कब्जा हटाने की जानकारी दे दी थी। इसकी सूचना विश्वविद्यालय के कैंपस और हॉस्टलों के नोटिस बोर्ड पर भी चस्पा कर दिया गया था। विवि प्रशासन को सूचना मिली थी की बड़ी संख्या में ऐसे छात्र हॉस्टलों में कब्जा जमाए हुए हैं जो विवि के छात्र नहीं हैं या उनका कोर्स पूरा हो चुका है। ताराचंद के साथ शताब्दी ब्वॉयज और केपीयूसी में भी अभियान चलाया गया।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के चीफ प्रॉक्टर डॉ. राकेश सिंह के अनुसार यह अभियान लगातार चार दिनों तक विश्वविद्यालय के 10 हॉस्टलों में चलाया जाएगा। नौ जनवरी को डायमंड जुबली हॉस्टल एवं एएन झा हॉस्टल, 10 जनवरी को जीएन झा हॉस्टल एवं पीसीसीबी हॉस्टल और 11 जनवरी को एसआरके हॉस्टल, सर सुंदर लाल हॉस्टल एवं हॉलैंड हॉल हॉस्टल में अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान की वीडियो रिकॉर्डिंग भी कराई जाएगी।
शनिवार को चीफ प्रॉक्टर कार्यालय में हुई अधीक्षकों की बैठक में अभियान की रूपरेखा तैयार की गई थी। सभी हॉस्टलों के अधीक्षकों से वैध अंत:वासियों की लिस्ट भी मांगी गई थी, ताकि अभियान के दौरान वैध अंत:वासियों के भी प्रवेश संबंधी आवश्यक दस्तावेजों एवं फोटो का भौतिक सत्यापन किया जा सके।
दरअसल, कई हॉस्टलों से शिकायत आई है कि जिन छात्रों के नाम कमरे आवंटित हैं, उनमें कोई दूसरा व्यक्ति रहता है। ऐसे ही लोगों हॉस्टलों से जारी अराजक गतिविधियों में लिप्त हैं और हॉस्टल प्रशासन के पास इनका कोई रिकॉर्ड भी उपलब्ध नहीं है। अभियान के दौरान हॉस्टलों के जिन कमरों में अवैध कब्जा है, उन कमरों पर इविवि प्रशासन अपना ताला लगा देगा। इसके बाद खाली कराए गए कमरे छात्रों को नए सिरे से आवंटित किए जाएंगे।