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सरयू नदी में आस्था डुबकी लगायेंगें पीएम मोदी, कच्चाघाट पर तैयारियां तेज

 

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अयोध्या। राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आ रहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सरयू नदी में संभावित स्नान की तैयारियां शुरू हैं। इसके लिए उसी स्थान का चयन हुआ है, शुक्रवार को जिस स्थान से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोलर बोट का लोकार्पण किया है। संत तुलसीदास घाट के पास स्थित इस घाट को कच्चाघाट के नाम से जाना जाता है।

सीएम के हाथों सोलर बोट के लोकार्पण के बाद सरयू नहर खंड स्नान घाट को चमकाने की तैयारी में लगा है। यह स्थान सरयू अतिथि गृह से चंद कदमों की दूरी पर है। सरयू नदी में प्रधानमंत्री के स्नान की अटकलों के बीच लखीमपुर के शारदा व गिरिजा बैराज से सरयू नदी में 16 जनवरी को तीन हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है।

पानी छोड़े जाने के चौथे दिन सरयू का जलस्तर करीब 13 सेमी ऊपर आने से जिला प्रशासन व सरयू नहर खंड के इंजीनियरों ने राहत की सांस ली। रविवार तक इसके 15 सेमी तक ऊपर पहुंचने की उम्मीद बाढ़ कार्य खंड को है। वहीं बाढ़ कार्य खंड के अधिशासी अभियंता शशिकांत प्रसाद सरयू नदी में पानी छोड़े जाने का कारण सरयू नदी में क्रूज संचालन को बताते हैं।

खबर यह भी है कि सरयू नदी का जलस्तर और बढ़ाने के लिए उत्तराखंड के टनकपुर स्थित बनबसा बैराज से भी करीब तीन हजार क्यूसेक पानी शारदा नदी में छोड़ा गया है। शारदा नदी से लखीमपुर के शारदा बैराज यह पहुंचेगा। कुछ इंजीनियर इसे वहीं से सरयू नदी में छोड़ने को, तो कुछ फसलों की सिंचाई के लिए शारदा सहायक नहर में छोड़ने की जानकारी देते हैं।

एसपीजी से मिले सिग्नल के बाद पीएम के सरयू स्नान से जुड़े प्रश्न का सीधा जवाब सरयू नहर खंड नहीं देता। उसका कहना है कि गुप्तारघाट से चौधरी चरण सिंह घाट तक करीब 11 किमी दूरी में वह सरयू तट का कस्टोडियन है। दीपोत्सव से पहले 1370 मीटर लंबा बैरियर व रेस्क्यू लाइन लांचर आदि का वह पहले ही सरयू नदी में स्नान के दौरान सुरक्षा को लेकर लगवा चुका है। प्राण प्रतिष्ठा समारोह में बड़ी संख्या में वीआइपी रामनगरी आएंगे, वे सरयू स्नान भी करेंगे। कच्चाघाट के पास की सरयू स्नान की विभागीय तैयारियां उसी क्रम में हैं। प्राण प्रतिष्ठा समारोह में 22 जनवरी को प्रधानमंत्री का आना तय है। अभी पीएम की यात्रा का आधिकारिक कार्यक्रम जारी नहीं हुआ है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए पूरे क्षेत्र को दो सुपर जोन, नौ जोन व 42 सेक्टरों में विभक्त है। सुपर जोनल मजिस्ट्रेट की जिम्मेदारी अंबेडकरनगर के अपर जिला मजिस्ट्रेट प्रशासन सदानंद गुप्त एव दूसरे की कमान मुख्य राजस्व अधिकारी सतीशकुमार त्रिपाठी के पास है।

पहले जोन में जोनल मजिस्ट्रेट के अलावा चार सेक्टर मजिस्ट्रेट उदया चौराहा से रानोपाली क्रासिंग से टेढ़ीबाजार चौराहा से क्रासिंग 11 तक की व्यवस्था देखेंगे। जोन दो में छह सेक्टर है। जोन तीन में सुग्रीव किला व एक सेक्टर है।

सुपर जोनल मजिस्ट्रेट मुख्य राजस्व अधिकारी एसके त्रिपाठी के अलावा चौथे जोन में जोनल मजिस्ट्रेट व चार सेक्टर व पांचवे जोन में नौ सेक्टर हैं। छठे जोन में चार सेक्टर है। तक, सातवें जोन में पांच सेक्टर (हनुमानगुफा चौराहा से लंगड़वीर चौराहा से सआदतगंज हनुमानगढ़ी तक), आठवें जोन में पांच सेक्टर (पुलिस लाइन जाआइसी ओवरब्रिज से नियावां चौराहा से उदया चौराहा तक) एवं नवें जोन में चार सेक्टर हैं जो अंतरजनपदीय मार्ग से संबंधित है। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर परिसर की जिम्मेदारी एडीएम कानून-व्यवस्था की है।

प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में आने वाले अतिथियों के लिए श्रीरामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट ने संदेश जारी किया है। फेसबुक फेज पर जारी संदेश में ट्रस्ट की ओर से उल्लेख किया गया है कि प्राण प्रतिष्ठा उत्सव में प्रवेश केवल ट्रस्ट की ओर से जारी की गई प्रवेशिका के माध्यम से ही संभव है। केवल निमंत्रण पत्र से आगंतुकों को प्रवेश सुनिश्चित नहीं हो पाएगा। प्रवेशिका पर बने क्यूआर कोड के मिलान के पश्चात ही परिसर में प्रवेश संभव हो पाएगा। 

रस्ट ने अतिथियों को निमंत्रण पत्र देने के बाद उनके मोबाइल फोन पर एक लिंक भेजा है। इस लिंक को खोलने के बाद उपलब्ध ई-फार्म पर अतिथि को आपेक्षित जानकारियां भरनी हैं। लिंक के माध्यम से अतिथि का विवरण मिलने के बाद ट्रस्ट की ओर से उन्हें एक प्रवेशिका (इंट्री पास) भेजा जा रहा है, जिसे डाउनलोड करके संबंधित अतिथि को अपने पास सुरक्षित रखना होगा। इसी पास पर क्यूआर कोड भी होगा। सुरक्षा कर्मियों की ओर से मांगे जाने के बाद यह इंट्री पास आयोजन स्थल एवं बैरियर पर भी दिखाना होगा। सुरक्षा कर्मी इसे स्कैन कर अतिथि का सत्यापन करेंगे।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 22 जनवरी को राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में सम्मिलित होंगे। अभी उनका आधिकारिक कार्यक्रम जारी नहीं हुआ है। प्रधानमंत्री के आगमन के दृष्टिगत 18 जनवरी से कलेक्ट्रेट के नवीन भवन में नियंत्रण कक्ष की स्थापना कर जिलाधिकारी नितीश कुमार ने दो पालियों में अधिकारियों की तैनाती की है। दोनों पालियों में 15-15 अधिकारी लगे हैं। पहली पाली सुबह नौ बजे से सायं चार बजे तक के पर्यवेक्षणीय अधिकारी डीआरडीए के पीडी आरपी सिंह व दूसरी पाली के पर्यवेक्षणीय अधिकारी जिला विकास अधिकारी उपेंद्र पाल हैं। दूसरी पाली का समय सायं चार बजे से रात 11 बजे तक है। जिलाधिकारी के जारी आदेश में 23 जनवरी तक ड्यूटी प्रभावी रहेगी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपालदास से मिलने उनके आश्रम मणिरामदासजी की छावनी व तुलसीपीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य से भेंट करने बड़ा भक्तमाल की बगिया भी जा सकते हैं। ये अटकलें इसलिए हैं कि प्रशासनिक अमला रामनगरी में जिन चार स्थानों को संवारने में लगा है, उनमें मणिरामदासजी की छावनी व बड़ा भक्तमाल की बगिया भी शामिल है। इन दोनों स्थानों पर करीब एक-एक हजार गमले उद्यान विभाग ने रास्ते में रखवाए हैं। उद्यान विभाग ने इसके अलावा श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट कार्यालय अशर्फी भवन एवं ब्रह्मकुंड के पास निर्मित टेंट सिटी में भी गमले रखवाए हैं। उद्यान विभाग के गमलों से प्रधानमंत्री के इन चार स्थानों पर भी जाने की अटकलों को बल मिला है।

प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में आ रहे प्रधानमंत्री रामलला तक पहुंचने के लिए दो हवाई यात्रा कर सकते हैं। दिल्ली से उड़ कर उनका वायुयान महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर उतरेगा। एयरपोर्ट से वह हेलीकाप्टर से साकेत महाविद्यालय पहुंचेंगे, जहां से सड़क मार्ग से हनुमानगढ़ी पहुंच कर वह बजरंगी से अनुमति प्राप्त कर रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होंगे। पीएम की सुरक्षा से जुड़ी तैयारियां इसी के आसपास हैं।

साकेत महाविद्यालय में पीएम के लिए हेलीपैड तैयार किया जा रहा है। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार ये स्थान पीएम की लैंडिंग के दृष्टिगत तैयार किए जा रहे हैं। साकेत महाविद्यालय में उतरने के बाद पीएम सड़क मार्ग से रामजन्मभूमि परिसर पहुंचेंगे। रामजन्मभूमि परिसर में तैनात अराजपत्रित पुलिस कर्मी सादे वस्त्रों में तैनात होंगे। कार्यक्रम स्थलों को दस ब्लाकों में बांट कर निगरानी सुनिश्चित कराई जाएगी। एसएसएफ, कमांडो दल भी परिसर एवं मंदिर के संपर्क मार्गों की निगरानी करेगा।

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