ईशारे पर रफ्तार बढ़ा देते हैं धवल, मुदा व गोल्ड
प्रयागराज (राजेश सिंह)। कड़ाके की ठंड से बचाने के लिए यूं तो हर कोई अपने स्तर से प्रयास कर ही रहा है, पुलिस भी अपने नायाब घोड़ों को स्वस्थ रखने के लिए अलसी का तेल पिला रही है। यही नहीं, हर पखवाड़े उनका स्वास्थ्य परीक्षण भी कराया जाता है, ताकि किसी बीमारी का लक्षण मिले तो समय रहते इलाज किया जा सके।
कमिश्नरेट पुलिस के पास वर्तमान में 21 घोड़े हैं। सभी घोड़े काठियावाड़ी नस्ल के (डेढ़ मीटर तक ऊंचे) हैं। घुड़सवार पुलिस अधिकारी इंद्रपाल सिंह बताते हैं कि सर्दी से बचाने के लिए इन्हें रोजाना सुबह सात बजे राइडिंग स्कूल ले जाकर एक घंटे प्रैक्टिस कराते हैं। फिर, एक किलो चना, दो किलो जौ, एक किलो गेहूं का चोकर, 25 किलो हरी घास, 30 ग्राम नमक और गुड़ देते हैं।
पुलिस अधिकारी बताते हैं कि रोजाना हर घोड़े को 100 मिलीलीटर अलसी का तेल भी पिलाया जाता है। गुणों से भरपूर अलसी का तेल इन्हें सर्दी से बचाने में बहुत मदद करता है। प्रैक्टिस कराने के लिए एक आरआई, छह हेड कांस्टेबल व चार कांस्टेबल को रखा गया है।
घोड़ों की रखवाली के लिए अस्तबल में चतुर्थ श्रेणी के पांच सईस (कर्मचारी) लगाए गए हैं। ये खान-पान से लेकर अस्तबल की साफ-सफाई तक संभालते हैं। घोड़ों को सर्दी के मौसम में पांच बार, जबकि गर्मी में सात बार पानी पिलाते हैं।
21 घोड़ों में भूरे रंग के गोल्डन क्रॉउन व सफेद रंग की प्रिया की जोड़ी कमाल की है। एक इशारे पर अपनी रफ्तार बढ़ा व घटा देते हैं। इनके अलावा धवल, मृदा और गोल्ड भी खास घोड़े हैं। माघ मेले में इनको भी सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।