प्रयागराज (राजेश सिंह)। शैक्षणिक भ्रमण विद्यार्थियों के सम्पूर्ण व्यक्तित्व के विकास के लिए महत्वपूर्ण कड़ी हैं। यह भ्रमण विद्यार्थियों को अपने और दूसरों के अनुभव से सीखने का एक अच्छा अवसर देते हैं, जब विद्यार्थी शैक्षणिक भ्रमण पर जाते हैं तो वह अपनी आंखों से प्रत्यक्ष रूप से देखकर किसी भी विषय वस्तु पर वर्णन करने में सक्षम हो जाते हैं।कौड़िहार विकासखण्ड के उच्च प्राथमिक विद्यालय उठगी के बच्चों का शैक्षणिक भ्रमण प्रत्यक्ष रूप से ऐतिहासिक एवं धार्मिक स्थलों को देखकर शैक्षिक क्षमता वृद्धि के लिए सहायक अध्यापिका अनीता सोनकर के मार्गदर्शन में कराया गया। शैक्षिक भ्रमण के दौरान बच्चों ने आनंद भवन, चन्द्रशेखर आजाद पार्क, चंद्रशेखर आजाद पार्क स्थित संग्रहालय, कंपनी बाग परिसर में स्थित केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, अकबर का किला, किले के अंदर अवस्थित सनातन अक्षय वट, माघ मेला क्षेत्र एवं अन्य धार्मिक व ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण किया।
कंपनी बाग में स्थित नर्सरी में विभिन्न प्रकारके पौधों से परिचित कराया गया। जिसे देखकर बच्चे बहुत ही आश्चर्यचकित एवं उत्साहित हो रहे थे। अनीता सोनकर के साथ-साथ विनीता देवी त्रिपाठी, सरिता गुप्ता, सरिता सिंह एवं दिनेश कुमार के द्वारा ऐतिहासिक एवं धार्मिक स्थलों के विषय में जानकारी दी जाती रही। जिस बच्चे लगातार अपने नोटबुक में लिख रहे थे। बच्चों को माघ मेला लगाए जाने के पीछे के धार्मिक एवं ऐतिहासिक बच्चों की जानकारी दी गई। अकबर द्वारा किला बनाए जाने के उद्देश्य, शहीद चंद्रशेखर के बलिदान, एवं संग्रहालय में रखी हुई प्राचीन धरोहरों से परिचय कराया गया। बौद्धिक क्षमता संवर्धन हेतु ऐसे भ्रमण कराना अति आवश्यक है। अभिभावकों के द्वारा पूरा सहयोग प्रदान करते हुए शैक्षणिक भ्रमण की मुक्त कंठ से प्रशंसा की गई। बच्चे आनंदित एवं उत्साहित रहे और उनकी जिज्ञासा भ्रमण के दौरान अपने ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक धरोहरों को नजदीक से जानने एवं समझनें के लिए बनी रही।