दावेदारों की लिस्ट है लंबी, टिकट के लिए लगा रहे दौड़
प्रयागराज (राजेश सिंह)। इलाहाबाद संसदीय सीट पर चुनावी महासमर में भाजपा के टिकट पर कौन ताल ठोंकेगा? इसे लेकर जद्दोजहद तेज हो गई है। इस सीट पर दावेदारों की लंबी फेहरिश्त के बीच टिकट के लिए दो सियासी घरानों के बीच जंग शुरू हो गई है। फिलहाल लखनऊ से दिल्ली तक दौड़ लगाने वाले सभी दावेदार आश्वासनों की घुट्टी के सहारे मुतमईन हैं कि टिकट उन्हें ही मिलेगा। इस बीच सोमवार को होने वाली सेंट्रल इलेक्शन कमेटी की बैठक को लेकर संगठन के साथ विचार परिवार के कई पदाधिकारी दिल्ली रवाना हो गए हैं। इलाहाबाद और फूलपुर सीटों पर टिकट के लिए दावेदारों ने ताकत लगा दी है। हाल में ही इलाहाबाद सीट पर शहर उत्तरी के विधायक और पूर्व राज्यपाल राजेंद्र कुमारी वाजपेई के पौत्र हर्षवर्धन का नाम आने के बाद कयासबाजी का दौर तेज हो गया है। हर्षवर्धन दूसरी बार उत्तरी सीट से भाजपा के टिकट पर विधायक हैं। उनके पिता पूर्व मंत्री अशोक वाजपेई ने पूरी ताकत लगा दी है कि इलाहाबाद सीट से टिकट उनके बेटे को ही मिले। इसके लिए वह दो बार दिल्ली दरबार में हाजिरी लगा चुके हैं।
उधर, सांसद रीता बहुगुणा जोशी को पूरी उम्मीद है कि उनकी उम्मीदवारी इस बार भी बरकरार रहेगी। वह यूपी के सीएम रहे हेमवतीनंदन बहुगुणा की पुत्री और उत्तरखंड के सीएम रहे विजय वहुगुणा की बहन हैं। उन्हें फील्ड में जाकर मेहनत करने के लिए कहा भी गया है। लेकिन, हाल में ही यहां रणनीतिक समीकरणों की टोह लेने के लिए केंद्रीय नेतृत्व की ओर से भेजे गए पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद जिला पंचायत सभागार में इलाहाबाद और फूलपुर सीटों की तैयारियों की समीक्षा के दौरान दोनों सांसदों को और जोर लगाने का संदेश देकर उलझन पैदा कर गए हैं। फिलहाल रीता बहुगुणा दिल्ली में ही हैं। रविवार की शाम फोन पर टिकट को लेकर उनसे सवाल किया गया तब उनका कहना था कि यह निर्णय पार्टी को लेना है। नेतृत्व जो फैसला लेगा, वह उसका पालन करेंगी। रीता बहुगुणा यूपी का बड़ा सियासी चेहरा हैं। वह योगी आदित्यनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रह चुकी हैं। उनकी मां कमला बहुगुणा भी सांसद रहीं। सपा से बढ़ती दूरियों के बीच कद्दावर नेता रेवती रमण सिंह अब सियासी जमीन तलाशने में जुटे हैं। सोमवार को वह भी दिल्ली पहुंचे। वह कांग्रेस और बसपा दोनों दलों के संपर्क में हैं। कहा जा रहा है कि रेवती रमण अपने पुत्र उज्ज्वल रमण को इलाहाबाद सीट से चुनाव मैदान में उतार सकते हैं। सपा-कांग्रेस का यूपी में गठबंधन होने की वजह से उनकी कांग्रेस से इलाहाबाद सीट पर उम्मीदवारी की चर्चा है। रेवती रमण दो बार इलाहाबाद सीट से सांसद और करछना से आठ बार विधायक रहे।