प्रयागराज (राजेश सिंह)। इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी उज्ज्वल रमण सिंह की दावेदारी मंगलवार को किसी तरह से बच सकी।
उज्ज्वल रमण सिंह के खिलाफ लगाए गए आरोपों को लेकर चुनाव आयोग की गाइडलाइन के अनुसार बाकायदा कोर्ट बैठी, जिसमें सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान दोनों ओर से जमकर बहस भी हुई। वहीं कलेक्ट्रेट बाहर दोनों दलों के प्रत्याशियों के बीच जमकर शोर-शराबा हुआ। कोर्ट ने उज्ज्वल का पक्ष सुना और फिर उन्हें क्लीन चिट दिया गया।
इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी नीरज त्रिपाठी के मुख्य चुनाव एजेंट मनीष ओझा ने इसी संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस के प्रत्याशी उज्ज्वल रमण सिंह की दावेदारी को लेकर चुनौती देते हुए चुनाव आयोग से शिकायत कर दी कि उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज है मगर उन्होंने शपथ पत्र में इसे छिपा लिया। इस पर जिला निर्वाचन अधिकारी नवनीत सिंह चहल ने इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र के रिटर्निंग ऑफिसर (आरओ) गौरव कुमार को सुनवाई के लिए कहा। आरओ ने शिकायतकर्ता के साथ ही उज्ज्वल रमण सिंह से जवाब तलब किया। उज्ज्वल ने समय मांगा तो मंगलवार दोपहर उन्हें बुलाया गया। इसके बाद आरओ ने कोर्ट लगाकर सुनवाई की। पहले शिकायतकर्ता के आरोपों को सुना गया। इसके बाद उज्ज्वल का पक्ष सुना गया।
उज्ज्वल ने बताया कि उनके खिलाफ कोविड का मुकदमा दर्ज हुआ था। वर्ष 2020 में वह कार से अकेले यमुनापार जा रहे थे। नैनी में किसानों का आंदोलन चल रहा था, इसलिए पुलिस ने उन्हें रोक लिया था। उन्हें पकड़कर पुलिस लाइन ले जाया गया था, जहां शाम को छोड़ दिया गया था।मुकदमा दर्ज होने की जानकारी तक उन्हें नहीं हो पाई थी। अब शिकायत होने पर पता किया गया तो नैनी पुलिस ने बताया कि कोविड का मुकदमा तो सरकार ने ही खत्म कर दिया।
इसके बाद उज्ज्वल रमण ने एमपी-एमएलए कोर्ट का स्टेटस भी आरओ को दिया, जिसमें उनके खिलाफ कोई मुकदमा कोर्ट में लंबित होने की जानकारी नहीं है। उज्ज्वल ने आरओ को बताया कि उनके खिलाफ नैनी में दर्ज मुकदमा कोर्ट तक पहुंचा ही नहीं था। इस पर आरओ ने उज्ज्वल का पर्चा वैध घोषित कर दिया।
भाजपा प्रत्याशी पर भी लगाया आरोप
भाजपा की ओर से शिकायत होने पर कांग्रेस प्रत्याशी के मुख्य चुनाव एजेंट कमल सिंह यादव की ओर से भी गंभीर आरोप लगाते हुए शिकायती पत्र जिला निर्वाचन अधिकारी व रिटर्निंग ऑफिसर को दे दिया। आरोप लगाया कि पेट्रोल पंप और गैस एजेंसी के एग्रीमेंट का उल्लेख भाजपा प्रत्याशी ने अपने शपथ पत्र में नहीं किया है। इसके अलावा भी उनके नामांकन पत्र में कई गलतिया हैं। उसकी भी जांच की गई और नीरज के भी नामांकन पत्र को वैध घोषित कर दिया गया।