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अतिक्रमण करके संपत्तियों पर अपना अधिकार जताना वक्त बोर्ड का काम: रीना सिंह

SV News

प्रयागराज (राजेश सिंह)। इलाहाबाद हाई कोर्ट में श्री कृष्ण जन्मभूमि मथुरा विवाद मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति मयंक जैन के कक्ष में हुई। वाद संख्या सात  में सुप्रीम कोर्ट की एडवोकेट रीना एन सिंह ने सीपीसी के आदेश सात नियम 11 के तहत सिविल वाद की पोषणीयता पर मुस्लिम पक्ष की अधिवक्ता तस्नीम अहमदी के आपत्तियों पर बहस की। करीब 3 घंटे तक चली बहस के दौरान एडवोकेट रीना एन सिंह ने दर्जन भर से अधिक तथ्यों को अदालत के समक्ष रखा जिसमें उन्होंने पूरी तरह से वक्फ बोर्ड और मथुरा स्थित शाही ईदगाह की आपत्तियों को सिरे से खारिज किया, एडवोकेट रीना सिंह ने कहा कि देशभर में संपत्तियों पर बिना किसी आधार  के वक्फ बोर्ड अपना दावा करता रहता है जिनका कोई आधार नहीं होता है, वही स्थिति मथुरा की भी है। उन्होंने भारत सरकार के अंतर्गत आने वाले डिपार्मेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के अंतर्गत "इंस्टीट्यूट आफ साइंटिफिक रिसर्च आफ  वेदाज" के आकाशीय रिकॉर्ड के आधार पर भगवान श्री कृष्ण के जन्म और महाभारत के तमाम घटनाओं के वास्तविक समय का जिक्र करते हुए अपने तथ्यों को रखा और बताया कि भगवान श्रीकृष्ण व महाभारत काल के दौरान मस्जिद का कहीं कोई जिक्र ही नहीं था।  इसके अलावा उन्होंने देश के पूर्व राष्ट्रपति और भारत रत्न रहे अब्दुल कलाम की पुस्तक इग्नाइटेड माइंड्स का जिक्र किया जिसमें उनके द्वारा पाचवें  अध्याय में स्पष्ट रूप से इस बात का जिक्र किया गया है कि सनातन संस्कृति हिंदुस्तान का मूल धर्म है,  और वह इस्लाम से अत्यधिक पुराना है इसके अलावा रीना सिंह ने मथुरा स्थित भगवान श्री कृष्ण के गर्भगृह के चौखट का भी जिक्र किया जिस पर ब्राह्मी  लिपि में "वासुदेव का महा स्थान" जैसा वाक्य लिखा गया है। उन्होंने बताया कि यह चौखट अभी भी मथुरा के म्यूजियम में मौजूद है। इसके अलावा उन्होंने आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया से संबंधित तथ्यों को सामने रखा जिसकी स्थापना 18वीं शताब्दी में हुई थी उन्होंने अपने समस्त तथ्यों के आधार पर यह स्पष्ट किया कि शाही ईदगाह ही भगवान का मूल गर्भ गृह है। 
इसके अलावा रीना एन सिंह सिंह ने कई अन्य तथ्यों को अदालत के समक्ष रखा,  उन्होंने कहा कि मुस्लिम पक्ष अभी तक ऐसा कोई तथ्य अदालत के समक्ष प्रस्तुत नहीं कर पाया है जिससे भगवान श्री कृष्ण की जन्म भूमि पर उसका दावा बनता हो वह सिर्फ और सिर्फ कब्जाधारी है और कुछ नहीं।रीना सिंह ने यह आशा जताई कि अदालत उनके तथ्यों पर गौर करेगा और हिंदू पक्ष को न्याय मिलेगा। इस दौरान उनके साथ अदालत में एडवोकेट अनिल कुमार सिंह बिसेन, राणा प्रताप सिंह चंदेल, सौरभ सिंह सोमवंशी, जितेंद्र सिंह व कई अन्य अधिवक्ता मौजूद रहे।

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