कभी थे बसपा सुप्रीमो मायावती के खासमखास, नही दिला सके वोट
प्रयागराज (राजेश सिंह)। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) में रहकर 24 साल से सक्रियता और सुप्रीमो मायावती के खास सिपहसालार, फिर भी अशोक कुमार गौतम अपने निवास स्थान (एडीए कालोनी नैनी) वाले बूथों पर 100 वोट नहीं जुटा सके। मुख्य मंडल प्रभारी से पार्टी को यह उम्मीद बिल्कुल नहीं थी।
चुनाव में करारी हार के बाद शुक्रवार को चली कैंची में उनसे प्रयागराज की जिम्मेदारी छिनने की यही खास वजह मानी जा रही है। वहीं मंडल प्रभारी विजय सरोज से नाराज पार्टी ने उनके पास अब कोई पद नहीं छोड़ा है।
पार्टी ने मंडल प्रभारी पद ही खत्म कर अब सेक्टर प्रभारी बनाए हैं। इसमें कौशांबी के राजू गौतम तथा प्रयागराज के आकाश राव गौतम तथा फूलपुर के प्रत्याशी रहे जगन्नाथ पाल और अमरेंद्र बहादुर पासी को सेक्टर प्रभारी बनाया गया है। डा. एसपी सिद्धार्थ और प्रेमचंद्र निर्मल जिला प्रभारी बनाए गए हैं।
लोकसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी का फूलपुर और इलाहाबाद लोकसभा संसदीय क्षेत्र में जो हश्र हुआ वह आला नेताओं की नाकामी को स्पष्ट करता है। जिलाध्यक्ष के बाद यहां सबसे बड़ा पद अशोक गौतम का था। जैसा पद वैसा ही उनका कद भी।
सन 2000 में बसपा की सदस्यता लेने के बाद अशोक गौतम ने काफी सक्रियता दिखाई थी। उन्हें बसपा शासन में अहम जिम्मेदारियां मिल चुकी हैं। वे मायावती के खासमखास हो गए थे। इसके बावजूद 2012 वे विगत लोकसभा चुनाव तक पार्टी को वे अपेक्षित वोट नहीं दिला सके।
हालात यह रहे कि एडीए कालोनी नैनी, जहां वे रहते हैं उसके बूथों पर कांग्रेस के प्रत्याशी उज्ज्वल रमण सिंह को 2223, भाजपा के नीरज त्रिपाठी को 3762 वोट और बसपा के रमेश सिंह पटेल को केवल 99 वोट मिले। मंडल प्रभारी विजय सरोज पर गिरी गाज के पीछे भी लगभग यही कारण रहा।
अशोक गौतम को चित्रकूट की दी गई जिम्मेदारी
पार्टी ने मंडल प्रभारी के जो पद समाप्त कर सेक्टर बनाए उनमें अशोक गौतम और विजय सरोज को प्रयागराज में कोई स्थान ही नहीं दिया। कहा जा रहा है कि अशोक गौतम को लखनऊ बुलाकर चित्रकूट की जिम्मेदारी दी गई है हालांकि यह सूचना अभी अपुष्ट है।
जिलाध्यक्ष आरबी त्यागी कहते हैं कि हार तो हुई है लेकिन अशोक गौतम को व्यवस्थागत तरीके से दूसरे जिले की जिम्मेदारी दी गई है। विजय सरोज प्रतीक्षा में रखे गए हैं। उन्होंने इसे कार्रवाई न मानकर पार्टी सुप्रीमो मायावती का निर्णय बताया। कहा कि जो काम मंडल प्रभारी करते थे अब वही पद सेक्टर प्रभारी के रूप में हो गए हैं।