प्रतापगढ़ (राजेश सिंह)। जमीयत उलमा के जिला महासचिव मौलाना मोहम्मद फारूख के शव को रविवार को गम और गुस्से के बीच सुपर्द ए खाक कर दिया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में फोर्स तैनात रही। मौलाना के शव को सुपुर्द ए खाक के बाद डीएम और एसपी सहित अधिकारियों ने राहत की सांस ली। मौलाना फारूख के जनाजे में राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी के साथ विधायक रानीगंज आरके वर्मा भी शामिल हुए।
मौलाना फारूख की शनिवार सुबह धारदार हथियार से हत्या कर दी गई थी। आक्रोशित लोगों ने डीएम-एसपी की मौजूदगी में आरोपियों के घरों पर पथराव कर दिया था। पुलिस से धक्कामुक्की हुई थी। बवाल की खबर पर एडीजी व आईजी भी घटनास्थल पहुंचे। तनाव को देखते हुए कई जिलों की पुलिस और पीएसी बुला ली गई। छह घंटे बाद पुलिस शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज सकी थी।
बता दें कि जेठवारा थाना क्षेत्र के सोनपुर निवासी मौलाना मोहम्मद फारूख (60) कादीपुर में मदरसे का संचालन करते थे। बेटे मौलाना असद के अनुसार शनिवार की सुबह मौलाना फारूख गांव के ही चंद्रमणि के बुलावे पर जमीन के रुपये के लेनदेन के सिलसिले में स्कूटी लेकर घर से निकले थे। चंद्रमणि के घर उनके पिता की कुल्हाड़ी, फावड़ा, रंभा से प्रहार कर हत्या कर दी गई। घटना की जानकारी पर वे लोग पहुंचे तो आरोपी धमकी देते हुए भाग निकले।
हत्या की खबर मिलते ही आसपास के लोग पहुंच गए। खून से सना शव देखकर भीड़ आक्रोशित हो उठी। फोर्स के साथ सीओ सदर अमरनाथ राय, सीओ रानीगंज विनय प्रभाकर साहनी व एएसपी पश्चिमी संजय राय पहुंचे तो एएसपी से झड़प हुई। लोगों ने कहा कि जब तक आरोपियों के घरों पर बुलडोजर नहीं चलता, गिरफ्तारी नहीं होती, तब तक शव नहीं उठने देंगे।
तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए प्रतापगढ़ के अलावा प्रयागराज, कौशाम्बी और फतेहपुर से फोर्स बुला ली गई थी। जिलाधिकारी संजीव रंजन व पुलिस अधीक्षक सतपाल अंतिल भी मौके पर पहुंचे। अधिकारियों के समझाने बुझाने और मांगों को पूरा करने के आश्वासन के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया था। रविवार को मौलाना के शव को सुपुर्द ए खाक कर दिया गया।
मौलाना फारुक के हिंदू और मुसलमान सभी से थे अच्छे ताल्लुकात
जमीयत उलमा उत्तर प्रदेश के जनरल सेक्रेटरी मौलाना अब्दुल हादी ने सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों से अपील की। सभी मदरसे के उलमा को मौलाना के जनाजे में अधिक से अधिक संख्या में शिरकत करने की गुजारिश की। उन्होंने कहा की किसी धर्म का एक व्यक्ति गलती करे तो पूरे धर्म के लोग मुजरिम नहीं बनते। मौलाना ने डीएम और कप्तान से दरखास्त किया है कि वह मौलाना की पत्नी की आर्थिक मदद कराए।