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बाढ़ में डूबे सैकड़ों घर, पांच हजार से अधिक लोग हुए बेघर, बनाए गए सात राहत शिविर

SV News

प्रयागराज (राजेश सिंह)। गंगा और यमुना में आई बाढ़ ने सैकड़ों परिवारों को बेघर कर दिया है। सोमवार को भी करीब 120 परिवारों ने प्रशासन की ओर से बनाए गए शिविरों में शरण ली। हालांकि, शाम को जलस्तर में कमी का क्रम शुरू हो गया। इससे लोगों ने राहत महसूस की लेकिन बाढ़ में डूबे घरों को लेकर चिंता बनी हुई है। बाढ़ की वजह से जिले में एक लाख से अधिक लोग प्रभावित हो गए हैं। 915 परिवारों के छह हजार से अधिक लोगों ने प्रशासन से मदद मांगी है। वहीं. 1640 लोग शहर के सात शिविरों में रहने के लिए पहुंचे हैं।
सोमवार की दोपहर तक जलस्तर में प्रति घंटा करीब एक सेमी की रफ्तार से बढ़ोतरी हो रही थी। इसकी वजह से बघाड़ा, बेली कछार, गंगानगर आदि मोहल्लों के निचले इलाके के सैकड़ों घरों में पानी घुस गया। इसका नतीजा रहा कि अकेले स्टैनली रोड स्थित महबूब अली इंटर कॉलेज परिसर में बने शिविर में ही सोमवार को आठ परिवार बढ़ गए। इस तरह से यहां कुल 77 परिवारों ने शरण ले रखी है। शरण लेने वाले सदस्यों की संख्या भी 298 से बढ़कर 312 हो गई है।
बेली कछार के मो. शमीम का कहना था कि छोटा सा मकान है, जो पूरा डूब गया है। इसके साथ सामान भी डूब गया। दो जानवर हैं, जिन्हें किसी तरह से बाहर ला पाए। छोटा बघाड़ा की नंदिनी का कहना था कि जरूरी सामान लेकर आए हैं। वहीं, देवी का कहना था कि कुछ सामान लेकर आए हैं। अन्य सामान छत पर रखकर आए हैं। पति और एक बेटा वहीं छत पर रह रहे हैं, ताकि सामान चोरी न हो।
बाढ़ का पानी अब निकलने लगा है। इससे बाढ़ में फंसे लोगों ने राहत महसूस की लेकिन गंदगी और बीमारियों की चिंता भी सताने लगी है। सोमवार दोपहर से गंगा और यमुना दोनों नदियों के जलस्तर में कमी शुरू हो गई थी। अभी जलस्तर में कमी की रफ्तार तो बहुत धीमी है। फिर भी दो-तीन दिन में बस्तियों से पानी निकल जाने की उम्मीद है लेकिन नदियों का पानी अपने पीछे गंदगी का सैलाब छोड़कर जाएगा।
बाढ़ के किनारे जमा गंदगी तथा मरे मवेशी लोगों को और डरा रहे हैं। इनकी सफाई के साथ बदबू एवं बीमारियों से निजात की भी चिंता सताने लगी है। छोटा बघाड़ा में बाढ़ में फंसे रोहित शुक्ला, मयंक, छोटे आदि ने बताया कि घर के सामने बहुत गंदगी है। उनका कहना है कि घर की सफाई के लिए ब्लीचिंग पाउडर आदि मंगा लिया है लेकिन गलियों की सफाई के लिए नगर निगम का इंतजार रहेगा।
उधर, नगर निगम की ओर से पानी निकलने पर युद्ध स्तर पर सफाई अभियान चलाने के दावे किए जा रहे हैं। निगम के पास 56 पंप हैं। सभी ठीक करा लिए गए हैं। खाली प्लॉट तथा अन्य स्थानों पर जमा बाढ़ का पानी निकालने के लिए इनका इस्तेमाल किया जाएगा। इसके अलावा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सफाई, कीटनाशकों के छिड़काव और फाॅगिंग के लिए भी विशेष टीम बनाई गई है।
तमाम घरों की पहली मंजिल डूबने के बाद लोग दूसरी मंजिल में रहकर अपने घरों की निगरानी कर रह हैं। एक साथ कई घर खाली हो जाने के कारण प्रभावित क्षेत्रों में चोरी की आशंका भी बढ़ गई है। छोटा बघाड़ा, राजापुर कछार, गंगानगर राजापुर, द्रौपदी घाट, बेली कछार, करेलाबाग, नेवादा, छोटा बघाड़ा, सलोरी, उंचवागढ़ी के प्रभावित क्षेत्रों की बिजली भी काट दी गई है, ताकि कोई दुर्घटना न हो। वहीं, बाढ़ राहत शिविरों में पहुंचे लोगों और बाढ़ में फंसे लोगों के लिए प्रशासन की ओर से खानपान की व्यवस्था की गई है।
बाढ़ राहत कार्य के लिए प्रभावित इलाकों में प्रशासन ने 27 नावें लगा दी हैं। फूलपुर तहसील के बदरा सोनौटी गांव में आवागमन के लिए छह नाव, करछना के भगेसर देहली गांव में एक और तहसील सदर के दारागंज में तीन, बघाड़ा में 10 एवं राजापुर में सात नाव लगाई गई हैं। 
बाढ़ से प्रभावित छोटा बघाड़ा मोहल्ले के लिए ऐनीबेसेंट स्कूल एलनगंज, राजापुर कछार के लिए ऋकिषकुल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, द्रौपदी घाट के लिए कैंट हाईस्कूल सदर बाजार न्यू कैंट, गंगानगर राजापुर के लिए स्वामी विवेकानंद इंटर कॉलेज अशोक नगर, बेली कछार के लिए सेंट जोसेफ गर्ल्स हाईस्कूल मम्फोर्डगंज, करेलाबाग के लिए यूनिटी पब्लिक स्कूल करेली, बेली कछार के लिए महबूब अली इंटर कॉलेज स्टेनली रोड बेली चौराहा को शिविर बनाया गया है। इसके साथ ही बाढ़ राहत के लिए फोन नंबर (0532-2641577, 2641578) जारी किए गए हैं।

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