Ads Area

Aaradhya beauty parlour Publish Your Ad Here Shambhavi Mobile

अब कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो ने बताई नई कहानी, यूके के प्रधानमंत्री से की बात

sv news


ओटावा। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की वजह से भारत और कनाडा के रिश्ते बेहद खराब दौर में पहुंच चुके हैं। भारत ने कनाडा के छह राजनियकों को देश छोड़ने का आदेश दिया है। वहीं कनाडा में मौजूद अपने राजनयिकों को वापस बुला लिया है। इस बीच सोमवार को जस्टिन ट्रूडो ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और भारत पर बिना सबूत मनगढ़ंत आरोप लगाना जारी रखा।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सोमवार को भारत सरकार के एजेंटों पर गुप्त रूप से सूचना एकत्र करने, कनाडाई लोगों को निशाना बनाकर बलपूर्वक व्यवहार करने, धमकी देने और हिंसक कृत्यों में शामिल होने का आरोप लगाया। उन्होंने रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (त्ब्डच्) के साक्ष्य का हवाला दिया। मगर साक्ष्यों को सार्वजनिक नहीं किया। ट्रूडो ने आरोप लगाया कि भारत सरकार के अधिकारी ऐसी गतिविधियों में शामिल थे जो सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करती हैं। ट्रूडो ने कहा, ष्आरसीएमपी कमिश्नर के पास स्पष्ट और पुख्ता सबूत हैं। भारत सरकार के एजेंट ऐसी गतिविधियों में शामिल रहे हैं और अब भी शामिल हैं, जो सार्वजनिक सुरक्षा को बड़ा खतरा पैदा करती हैं। इसमें गुप्त सूचना जुटाने की तकनीक, दक्षिण एशियाई कनाडाई लोगों को निशाना बनाना, हत्या समेत कई उल्लंघनकारी कृत्य शामिल हैं। यह अस्वीकार्य है। ट्रूडो का दावा है, ष्कनाडाई कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने इन मामलों पर भारतीय समकक्षों के साथ मिलकर काम करने की कई बार कोशिश की। मगर उन्हें बार-बार मना कर दिया गया। इसी वजह से अब कनाडाई अधिकारियों ने एक असाधारण कदम उठाया है। ट्रूडो का आरोप है आरसीएमपी ने साक्ष्य साझा करने के लिए भारतीय अधिकारियों से मुलाकात की। इसमें कहा गया कि भारत सरकार के छह एजेंट आपराधिक गतिविधियों में शामिल हैं। इस बीच कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इस मुद्दे पर यूनाइटेड किंगडम के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर से भी बात की। ट्रूडो के ट्वीट के मुताबिक दोनों नेताओं ने अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता और कानून के शासन को बनाए रखने और उसका सम्मान करने के महत्व पर चर्चा की। ट्रूडो और स्टारमर ने नियमित संपर्क में बने रहने पर सहमति भी जताई। भारत ने कनाडा के आरोपों को खारिज कर दिया। भारत सरकार ने कहा कि ये कनाडा के बेतुके आरोप हैं। यह पूरी तरह से जस्टिन ट्रूडो सरकार के राजनीतिक एजेंडे का हिस्सा है। जस्टिन ट्रूडो की भारत के प्रति शत्रुता जगजाहिर है। उनकी सरकार जानबूझकर चरमपंथियों और आतंकवादियों को कनाडा में भारतीय राजनयिकों और नेताओं को परेशान करने, धमकाने और डराने की खातिर मौका देती है। इस बीच भारत ने कनाडा के उच्चायुक्त को तलब किया और छह राजनयिकों को देश छोड़ने का आदेश दिया। भारत ने सख्त लहजे में कहा कि भारतीय अधिकारियों को निराधार निशाना बनाना बिल्कुल अस्वीकार्य है।खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद भारत और कनाडा के रिश्तों में तल्खी आई है। कनाडा ने बिना सबूत हत्या का आरोप भारतीय एजेंटों पर लगाया। पिछले साल अपनी संसद में जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत के शामिल होने का आरोप लगाया था। बता दें कि कनाडा के सरे में जून 2023 में गोली मारकर निज्जर की हत्या कर दी गई थी। साल 2020 में भारत ने निज्जर को आतंकी घोषित किया था।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Top Post Ad