प्रयागराज (राजेश सिंह)। भैयादूज पर घूरपुर के भीटा पहाड़ी पर लगने वाले ऐतिहासिक यमद्वितीया मेले के पहले दिन लोगों की भारी भीड़ उमड़ी। श्रद्धालुओं ने यमुना स्नान कर सुजावन देव मंदिर में पूजा-अर्चना की और मेले का आनंद उठाया। यमुना नदी के सुजावन देव घाट पर यमुना स्नान करने वाले श्रद्धालु शनिवार की भोर से ही जुटने लगे थे। स्नानार्थियों का आने का सिलसिला देर रात तक चलता रहा। लोगों ने यमुना स्नान कर मंदिर में पूजा-अर्चना किया।
मान्यता है कि भैयादूज के दिन यमुना स्नान करना बहुत फलदाई होता है। क्षेत्र में एक किंवदंती प्रचलित है कि भैया दूज के दिन ही यमराज अपनी बहन यमुना से मिलने उनके घर गए थे। बहन के आतिथ्य और सेवा सत्कार से प्रसन्न होकर यमराज ने बहन को वरदान दिया था कि आज के दिन जो आपकी शरण में आएगा वह मेरे बंधनों से मुक्त रहेगा। इसी मान्यता के चलते लोग भैयादूज के दिन यमुना स्नान अवश्य करते हैं।
मेले में जुटने वाले लोग नदी की दो धाराओं के बीच स्थित सुजावन देव मंदिर के प्राकृतिक सौंदर्य निहारने और मंदिर में पूजा-अर्चना करने के लिए जुटते हैं। इस वर्ष प्रदेश के मुख्य सचिव के आदेश पर पूरे मेला क्षेत्र में विद्युतीकरण किया गया था, जिसके चलते मेला में अधिक रौनक रही। मेले में लगी विभिन्न दुकानों पर लोगों ने खूब खरीददारी की। झूले, सर्कस, थियेटर, और विभिन्न तरह के खेल खिलौने मेले का आकर्षण रहे। मेला रविवार को दूसरे दिन रहेगा। मेला समिति के लोगों का अनुमान है कि कार्तिक माह का रविवार पड़ने से दूसरे दिन लोगों की और भी भीड़ बढ़ेगी।
दीपावली के दिन चित्रकूट के कामता नाथ मंदिर में दीप-दान कर शुक्रवार की रात लौटे सैकड़ों श्रद्धालु भैयादूज पर यमुना स्नान करने के लिए यहां आकर रुके रहे। कुछ श्रद्धालुओं ने तो आसपास के गांवों में रिस्तेदारो के यहां रहे तो बहुतों ने क्षेत्र के मंदिरों और बागों में रात्रि प्रवास किया और भोर में यमुना स्नान कर तब घर लौटे।
यमुना नदी के सुजावनदेव घाट पर कीचड़ और फिसलन के चलते स्नानार्थियों को भारी परेशानी हुई। कई स्नानार्थी तो कीचड़ में फंसकर गिरे भी। दो दिन पहले तक मेला आयोजन समिति के लोग यमुना घाट से कीचड़ हटाने का दावा कर रहे थे, लेकिन ऐन स्नान के दिन भी घाट पर से कीचड़ नहीं हटा जिसके चलते लोगों को परेशानी हुई।