प्रयागराज (राजेश सिंह)। उत्तर प्रदेश में खूंखार जानवरों का आतंक खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। कुछ माह पले बहराइच और सीतापुर में आदमखोर भेड़ियों का खौफ अभी पूरी तरह से हटा भी नहीं था कि प्रयागराज के शंकरगढ में तेंदुए ने दस्तक दे दी है। इससे मध्य प्रदेश के रीवां के दो दर्जन और शंकरगढ, मेजा व कोरांव के चार दर्जन से अधिक गांव के लोगों में तेंदुए का खौफ बना हुआ है। तेंदुआ पकड़ने के लिए वनकर्मियों की सात टीम लगाई गई है, जिसमें 30 वनकर्मी शामिल हैं।
शंकरगढ़ में जहां एक किसान और एक वनकर्मी को तेंदुए ने हमला कर घायल कर दिया, वहीं उप्र व मप्र की सीमा स्थित गांव में तीन लोगों को जख्मी कर दिया। शुक्रवार सुबह से रातभर तेंदुए को पकड़ने के लिए अभियान चलाया गया, लेकिन सकारात्मक परिणाम नहीं आया।
वन विभाग की ओर से तीन पिंजड़ा क्षेत्र में मंगाकर अलग-अलग स्थानों पर रख दिया गया है। तेंदुआ न पकड़े जाने से मप्र व उप्र के छह दर्जन गांव के लोग घरों में कैद हो गए हैं। बड़ी संख्या में लोगों ने अपने मवेशियों को भी घरों के अंदर कर लिया है। दहशत इस कदर है कि लोग रात को हाथों में लाठी-डंडा लेकर पहरा दे रहे हैं। वह झुंड में घर से बाहर टार्च जलाकर तेंदुए को खोजते नजर आए। वहीं, जिन लोगों के मकान छोटे हैं, वह अलाव के सहारे बैठकर दहशत में रात काटने को विवश दिखे।
शंकरगढ़ क्षेत्र के नेवरिया पुरेभट्टू गांव के खेत में छिपा तेंदुआ शुक्रवार को पकड़ा नहीं जा सकता। वन कर्मियों को छकाता रहा। कई प्रयास पकड़ने का किया गया, लेकिन वन विभाग की टीम असफल ही रही। शंकरगढ के देवरीबेनी गांव के किसान भगवती प्रसाद, नेवरिया गांव के सूरजकली, करियाकला के बनवारी लाल, पूरेभट्टू के अमरनाथ और पहाड़ीकला इंदिरावती ने बताया कि अक्सर तेंदुआ इस क्षेत्र में आ जाता है। कई बार वन विभाग के अधिकारियों को इसकी जानकारी दी गई, लेकिन अधिकारी इसे लेकर उदासीन बने रहे। गनीमत रही कि अभी तक तेंदुए ने किसी की जान नहीं ली है। अगर वन विभाग के अधिकारी इसी तरह से उदासीनता दिखते रहेंगे तो तेंदुआ कई लोगों को अपना शिकार बना लेगा।
नेवरिया पुरेभट्टू गांव के खेत में छिपा तेंदुआ शाम को लगभग सात बजे दोबार सरसों के खेत से निकलकर पड़ोस के पारस मास्टर की भैंस पर हमला कर दिया। लोग दौड़े तो फिर खेत में जाकर छिप गया। वन, पुलिस विभाग की टीम रेस्क्यू में लगी है। चारों तरफ से खेत में जाल लगाकर पिंजरा रखकर उसके सामने बकरी बांधी गई है, लेकिन देर रात तक तेंदुआ पकड़ में नहीं आ सका।