कुंभ नगर (राजेश सिंह)। गोरखपुर में पले बढ़े बी. काम. तक की पढ़ाई पूरी कर वर्ष 2008 में अयोध्या के लोमश ऋषि आश्रम के महंत स्वामी शिवचरण दास महाराज से दीक्षा प्राप्त कर डिजिटल बाबा राम प्रकाश भट्ट से स्वामी राम शंकर दास बन गए।
कुंभ मेला में डिजिटल बाबा के नाम से मशहूर स्वामी राम शंकर महराज की सनातन धर्म के प्रचार प्रसार के लिए रोचक कार्यशैली शैली संगम के किनारे मौजूद युवा पीढ़ी से अनोखे अंदाज में रूबरू होते नजर आए डिजिटल बाबा स्वामी राम शंकर महराज धर्म, अध्यात्म,कुंभ, जीवन मे भक्ति का महत्व इन बातों पर प्रकाश डालते हुए इनके महत्व को बहुत ही सरल भाषा मे युवा वर्ग को समझा रहे हैं। डिजिटल बाबा के नाम से मशहूर आध्यत्मिक गुरु स्वामी राम शंकर महाराज छह जनवरी को पहुंचे प्रयागराज।
डिजिटल युग में डिजिटल बाबा का लोगों से डिजिटल रूबरू होने का अंदाज बेहद निराला हैं। हाथ में ट्राइपॉड, कैमरा, वायरलेस माइक लिए कुंभ के पलों को पूरी दुनिया के समक्ष अपने सोशल मीडिया पेज पर लाइव कर रहें है इतना ही नहीं सामान्य व्यक्ति के समान बिना ताम झाम के दिन भर डिजिटल बाबा कुंभ में आए साधु संतों एवं श्रद्धालु जनों से मुखातिब हो रहे लोगों से हो रही बातचीत को सोशल मीडिया में बड़ी तत्परता से साझा भी कर रहे हैं। डिजिटल बाबा का कुंभ मेला पर कवरेज बेहद ज्ञानवर्धक रुचिकर एवं आकर्षक हो रहा हैं।
गोरखपुर में पले बढ़े बी. काम. तक की पढ़ाई पूरी कर वर्ष 2008 में अयोध्या के लोमश ऋषि आश्रम के महंत स्वामी शिवचरण दास महाराज से दीक्षा प्राप्त कर डिजिटल बाबा राम प्रकाश भट्ट से स्वामी राम शंकर दास बन गए। इन्होंने भारतवर्ष के विभिन्न गुरुकुल जैसे वानप्रस्थ साधक ग्राम आश्रम साबरकांठा गुजरात, कलवा गुरुकुल जींद हरियाणा, संदीपनी हिमालय गुरुकुल चिन्मय मिशन धर्मशाला हिमाचल, बिहार स्कूल ऑफ योगा रिखियापीठ देवघर झारखंड, कैवल्यधाम योग संस्थान लोनावला महाराष्ट्र आदि स्कूलो में रह कर सात वर्षों तक सनातन धर्म के शास्त्रों, उपनिषद, रामायण, श्रीमद्भागवत गीता अद्वैत-वेदांत का भली-भांति अध्ययन किया। खैरागढ़ संगीत विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़ में रह का संगीत की शिक्षा हासिल की। 2017 से डिजिटल बाबा हिमाचल प्रदेश के बैजनाथ धाम में रह का अपनी आध्यत्मिक उन्नति के लिए साधनारत हैं। स्वामी राम शंकर (डिजिटल बाबा) देश भर में श्रीरामकथा एवं श्रीमद्भागवत कथा व वेदांत के प्रवचन ज्ञान सत्र में ज्ञान प्रदान करने जाते रहते हैं। डिजिटल बाबा के फेसबुक पेज पर करीब तीन लाख 50 हजार लोग फॉलो करते हैं। कुंभ मेला में डिजिटल बाबा का अनूठा व्यक्तित्व सबके बीच आकर्षण एवं कौतूहल का विषय बना हुआ है।
डिजिटल बाबा कहते हैं कि मेरा उद्देश्य युवा पीढ़ी के साथ जुड़ कर उन्हें आध्यात्मिक मार्ग की ओर चलने के लिए प्रेरित करना है, क्योंकि आध्यात्म ज्ञान ही हमारे भटकाव को दूर कर हमारे जीवन को पूर्णता प्रदान करती है। ध्यान रहे चमत्कार से लोग आकर्षित हो सकते हैं पर आत्मा की तृप्ति के लिये आत्मज्ञान ही एकमात्र साधन है। चमत्कार देख कर लोग नमस्कर तो करते हैं पर जब सबकी अपेक्षा पूरी नहीं होती तो लोग चमत्कार दिखाने वाले कि उपेक्षा करना आरंभ करते हैं।
कोई मनुष्य चमत्कार एक निश्चित सीमा तक प्रदर्शित कर सकता है, पर उस चमत्कार से किसी का जीवन नहीं बदलता जीवन बदलता है उत्तम समझ विचार से आज नहीं तो कल सबको सब प्रपंच छोड़कर अपने आपको को जानने में लगना पड़ेगा तभी जाकर हम जन्म मरण के चक्र से छूट पाएंगे हैं। डिजिटल बाबा कहते हैं कि आजकल का युवा सोशल मीडिया में उलझ गया है। ऐसे में उसी झाल में बैठ कर उन्हें जीवन के उत्थान के लिए महत्वपूर्ण ज्ञान उनके बीच साझा करता रहता हूं।
सबसे खास बात यह है कि डिजिटल बाबा अपने भक्तों से सीधा संवाद करते हैं हर कोई बाबा से बात कर सकता बाबा से आसानी से मिल सकता हैं।
दिलचस्प बात यह है कि विद्यार्थी जीवन मे बाबा एनसीसी कैडेट रहे हैं और रंगमंचों पर नाटकों में खूब अभिनय किये हैं। कभी फिल्मों में काम करने का शौक रखने वाला यह कलाकार अपने जीवन के 20 वर्ष में पूर्ण रूप से आध्यात्म मार्ग का पथिक बन गया। डिजिटल बाबा कहते हैं जीवन मे सब तय है किसके जीवन मे कब कहा क्या होगा। हमने कभी नहीं सोचा था कि एक दिन हम आध्यत्मिक जीवन में होंगे , हमे नहीं मालूम था कि हम कथा वाचक बन कर लोगों को भक्ति मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करेंगे। डिजिटल बाबा पिछले 15 वर्ष से ब्रह्मचारी जीवन में रहते हुए आध्यत्मिक मार्ग में साधनारत हैं।