धान खरीद का लक्ष्य रहेगा अधूरा
मांडा, प्रयागराज (शशिभूषण द्विवेदी)। अपेक्षित बरसात न होने, अक्सर पानी विहीन नहरों का होना और समय से खाद न मिल पाने से मांडा क्षेत्र में धान की खेती काफी कम हुई। जहाँ पिछले वर्ष तक धान क्रय केन्द्र पर धान बेचने के लिए किसानों की लंबी लाइन लगती थी, इस बार बुलाने पर भी किसान क्रय केन्द्र नहीं जा रहे, जिससे धान खरीद का लक्ष्य अधूरा ही रह जायेगा।
मांडा क्षेत्र में विपणन विभाग का इकलौता धान क्रय केन्द्र सुरवांदलापुर गांव में खोला गया है। इस धान क्रय केन्द्र पर धान खरीद का लक्ष्य 30 हजार कुंतल रखा गया है, लेकिन अभी तक केवल 14332 कुंतल धान की तौल हो पायी है।अभी एक पखवाड़े तक धान की तौल और होनी है, लेकिन क्रय केन्द्र पर सन्नाटा देखकर ऐसा लगता है कि धान खरीद का मांडा क्षेत्र में लक्ष्य पूरा नहीं हो पाएगा। क्षेत्रीय विपणन अधिकारी सुभाष चंद्र सिंह व विभिन्न गांवों के तमाम किसानों ने जानकारी दी कि इस बार धान की उपज काफी कम हुई है। किसान इसके लिए प्रकृति, सरकार और स्थानीय प्रशासन को दोषी ठहराते हैं। किसानों का कहना है कि धान की खेती के दौरान उपरौध राजबहा, उमापुर पंप कैनाल, गुलरिया जलाशय आदि से नहरों में पानी नहीं छोड़ा गया। बरसात भी अपेक्षा से काफी कम हुई। खाद भी किसानों को यथा समय नहीं मिल पाया, जिससे धान की उपज बुरी तरह प्रभावित हुई। विभिन्न गांवों के किसानों का कहना है कि हर साल धान बेचकर एकाक शादी व्याह संपन्न हो जाती थी, लेकिन इस बार साल भर घर के खर्च लायक भी धान की उपज नहीं हो पायी है। किसानों में काफी चिंता व्याप्त है।