मिनटों का सफर घंटों में हो रहा है। श्रद्धालु जाम में फंसने के कारण बेहाल नजर आ रहे हैं। संगम जाने वाले रास्तों पर आस्थावानों का तांता लगा है। सड़कों पर हर तरफ जन ज्वार नजर आ रहा है। संगम जाने और आने वाले सभी रास्ते श्रद्धालुओं की भीड़ से खचाखच भरे हैं।
दिव्य और भव्य महाकुंभ में श्रद्धालुओं की भीड़ लगातार आ रही है। देश के कोने-कोने से बड़ी संख्या में श्रद्धालु संगम में स्नान करने के लिए आ रहे हैं। पिछले कई दिनों से स्नानार्थियों की अप्रत्याशित भीड़ तीर्थनगरी पहुंच रही है। इस वजह, रेलवे स्टेशन और सड़कों पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ रहा है। तीर्थनगरी में चारों ओर जाम लगा है। सब पैक नजर आ रहा है। दबाव ज्यादा होने के कारण हाईवे पर वाहन रेंग रहे हैं।
मिनटों का सफर घंटों में हो रहा है। श्रद्धालु जाम में फंसने के कारण बेहाल नजर आ रहे हैं। संगम जाने वाले रास्तों पर आस्थावानों का तांता लगा है। सड़कों पर हर तरफ जन ज्वार नजर आ रहा है। संगम जाने और आने वाले सभी रास्ते श्रद्धालुओं की भीड़ से खचाखच भरे हैं। जंक्शन के अलावा प्रयाग स्टेशन, झूंसी, रामबाग प्रयागराज, नैनी, छिवकी और फाफामऊ स्टेशनों पर भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ है। रेलवे की ओर से तैयार कराए गए सारे होल्डिंग एरिया और रैन बसेरे फुल हो गए हैं। श्रद्धालु सड़कों पर बैठककर ट्रेनों का इंतजार कर रहे हैं।
इससे पहले, महाकुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को लगातार तीसरे दिन सोमवार को भी जाम से जूझना पड़ा। सबसे खराब स्थिति मिर्जापुर और लखनऊ मार्ग पर रही। यहां पर आठ से 10 किलोमीटर तक गाड़ियों की कतारें लगीं रहीं। वहीं, संगम से अपने घरों को लौट रहे श्रद्धालुओं को भी घंटों जाम से जूझना पड़ा। हालांकि, पिछले तीन दिन के मुकाबले शहरवासियों को जाम से थोड़ी राहत मिली है।
मिर्जापुर-प्रयागराज मार्ग पर रविवार देर-रात 1रू30 बजे तक जाम लगा रहा। इसके बाद साढ़े छह घंटे तक स्थिति सामान्य रही, लेकिन सोमवार की सुबह आठ बजे से फिर जाम लगना शुरू हो गया। कठौली से डिगिया तक करीब आठ किलोमीटर वाहनों का रेला लग गया। महज आधे घंटे का सफर चालकों को चार से पांच घंटे में पूरा करना पड़ा। वहीं, प्रयागराज-लखनऊ-रायबरेली मार्ग पर भी दिनभर जाम की स्थिति बनी रही।
प्रवेश प्वाइंट पर करीब छह किमी से अधिक जाम लगा रहा। कुछ वाहनों को प्रयागराज-वाराणसी हाईवे की ओर भेज दिया गया। सिकरी से लगा जाम मलाक हरहर तक रहा। यहां बेला कछार पार्किंग में वाहनों को पार्क कराया गया। फाफामऊ तक रुक-रुक गाड़ियां चलती रहीं। शहर में अलोपीबाग चुंगी, बांगड़ चौराहा, दारागंज, लेप्रोसी, झूंसी, अंदावा, नए यमुना पुल, पुराने यमुना पुल, मेडिकल चौराहा, तेलियरगंज, फाफामऊ, चौफटका, धूमनगंज, सोहबतिया बाग, समेत कई क्षेत्रों में वाहन दिनभर रुक-रुक कर चल रहे थे।
मंगलवार सुबह नौ बजे से ही चौफटका पुल, सुलेमसराय, हाईकोर्ट पानी टंकी, नेहरू पार्क रोड समेत अन्य जगहों पर भीषण जाम लग गया। चौफटका पुल खचाखच भरा हुआ था। शहर में आने वालों से ज्यादा जाने वाले श्रद्धालुओं का रेला था। वहीं, शहर के सरकारी कार्यालय के खुलने के कारण भी अधिक भीड़ रही। करीब 11 बजे तक लोग जाम से जूझते रहे। इसके बाद जाम की स्थिति थोड़ा सामान्य हुई।
सुबह के समय से ही श्रद्धालुओं की कई गाड़ियां शहर में प्रवेश कर गईं, लेकिन इन्हें मेले के अंदर जाने की अनुमति नहीं दी गई। सोहबतियाबाग, बालसन, चुंगी, अलोपीबाग समेत अन्य जगहों पर बैरिकेडिंग कर वाहनों को रोक दिया गया। वहीं, पुलिस ने कई गाड़ियों को केपी ग्राउंड के पास पार्क करवाया। यातायात प्रभारी अमित कुमार ने बताया कि बाहरी वाहनों के शहर में अंदर आने से उक्त ग्राउंड में वाहनों को पार्क करवाया गया।
मिर्जापुर-प्रयागराज मार्ग पर रात 1.30 बजे तक जाम लगा रहा, इसके बाद स्थिति सामान्य हुई। सुबह आठ बजे से फिर कठौली से डिगिया तक वाहन रेंगते रहे। प्रयागराज-लखनऊ-रायबरेली मार्ग पर छह किमी से अधिक जाम लगा रहा। सिकरी से लगा जाम मलाक हरहर, फाफामऊ तक रुक-रुक गाड़ियां चलतीं रहीं। चित्रकूट-प्रयागराज मार्ग पर थोड़ी राहत रही। शंकरगढ़ से निजी समेत अन्य बसों को शहर में प्रवेश नहीं दिया गया। यहां बने पार्किंग पर ही वाहनों को रोका गया।
प्रयागराज-वाराणसी मार्ग पर जाम की स्थिति सामान्य रही। वाराणसी की ओर से आने वाले वाहनों को सरायइनायत और फिर अंदावा पार्किंग में रोक दिया गया। जौनपुर की ओर से प्रयागराज आने वाले वाहनों को रहीमापुर, सहसों के पास रोक दिया गया। कुछ ही वाहनों को मेले तक प्रवेश दिया गया। प्रतापगढ़ से प्रयागराज आने वाले वाहन मलाक हरकर तक आ सके। इसके बाद यहां से फाफामऊ तक गाड़ियां रेंगती रहीं। कानपुर-प्रयागराज मार्ग की स्थिति सामान्य रही। कौशाम्बी कोखराज से गाड़ियां शहर में प्रवेश कीं।