कुंभ नगर (राजेश शुक्ल)। विश्व के सबसे बड़े आध्यात्मिक जनसमागम महाकुंभ वैसे तो अपने आप में ही महारिकॉर्ड है। यहां दुनिया का सबसे बड़ा रिकॉर्ड तो श्रद्धालुओं की संख्या का बन चुका है। अब तीन और विश्व रिकॉर्ड बनने जा रहे हैं।
पवित्र त्रिवेणी के तट पर शुक्रवार से तीन दिन रोज विश्व रिकॉर्ड बनेंगे। एक रिकॉर्ड ई-रिक्शा संचालन भीड़ के चलते बाद में बनेगा। इसके लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम आ चुकी है। महाकुंभ में तीन विश्व रिकॉर्ड के माध्यम से दुनिया को स्वच्छता एवं पर्यावरण सरंक्षण का संदेश दिया जाएगा। नदी के किनारे एवं जलधारा में अलग-अलग सफाई अभियान का रिकॉर्ड बनेगा। मेला प्राधिकरण इस बार अपना ही एक रिकॉर्ड तोड़ेगा। वहीं दो अन्य रिकॉर्ड पहली बार बनेंगे।
कुंभ 2019 में तीन विश्व रिकॉर्ड बनाए गए थे। इसके तहत 500 से अधिक शटल बसों को एक संचालित करने का रिकॉर्ड बना था। इसके अलावा 10 हजार सफाई कर्मियों ने एक साथ स्वच्छता अभियान चलाया था, जो एक रिकॉर्ड रहा। इसी क्रम में आठ घंटे में साढ़े सात हजार लोगों के हैंड प्रिंट लेने का रिकॉर्ड बना था।
3 सौ कर्मचारी पहले दिन बनाएंगे नदी की सफाई का रिकॉर्ड
14 फरवरी को पहले दिन महाकुंभ में नदी सफाई का रिकॉर्ड बनेगा।
300 कर्मचारी एक साथ गंगा नदी में उतरकर सफाई करेंगे।
3 घाटों रामघाट, गंगेश्वर घाट व भरद्वाज घाट पर सफाई होगी।
85.53 लाख रुपये खर्च होने की उम्मीद है इस विश्व रिकॉर्ड में।
15 हजार सफाई कर्मचारी दूसरे दिन बनाएंगे स्वच्छता का रिकॉर्ड
15 फरवरी को दूसरे दिन स्वच्छता का विश्व रिकॉर्ड बनेगा।
15 हजार कर्मचारी एक साथ गंगा एवं यमुना किनारे 10 किमी तक सफाई अभियान चलाएंगे।
10 हजार कर्मचारियों के एक साथ सफाई अभियान चलाने का अभी रिकॉर्ड है।
2019 कुंभ में मेला प्राधिकरण ने बनाया था एक साथ सफाई का रिकॉर्ड।
2.13 करोड़ रुपये खर्च होंगे इस विश्व रिकॉर्ड को बनाने में
10000 हैंड प्रिंटिंग का को बनेगा विश्व रिकॉर्ड
16 फरवरी को कैनवस पर हैंड प्रिटिंग का रिकॉर्ड बनाया जाएगा।
08 घंटे में 10 हजार लोगों के हैंड प्रिंट लिए जाने का विश्व रिकॉर्ड बनेगा।
05 प्रमुख स्थलों तथा गंगा पंडाल में कैनवास लगाए जाएंगे।
7500 लोगों के हैंड प्रिंट लेने का अभी मेला प्राधिकरण के पास ही रिकॉर्ड है।
95.76 लाख रुपये खर्च होंगे इस रिकॉर्ड को बनाने में।
3 विश्व रिकॉर्ड बनाए गए थे 2019 के कुंभ में
2019 के कुंभ में तीन विश्व रिकॉर्ड बनाए गए थे।
500 से अधिक शटल बसों को एक संचालित करने का रिकॉर्ड बना था।
10 हजार सफाई कर्मियों ने एक साथ स्वच्छता अभियान चलाया था, जो रिकॉर्ड रहा।
07 हजार लोगों के हैंड प्रिंट आठ घंटे में लेने का बना था रिकॉर्ड।
महाकुंभ में चार विश्व रिकॉर्ड बनाने की योजना तीन माह में ही बन गई थी। तभी से इसकी तैयारी भी शुरू हो गई थी। इसके लिए विशेषज्ञ एजेंसी की भी मदद ली गई। गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में आवेदन कराया गया था। उनकी टीम आई है, जिसकी निगरानी में अन्य औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं। एक रिकॉर्ड ई-रिक्शा संचालन बाद में बनेगा। -विजय किरन आनंद, महाकुंभ मेलाधिकारी