मथुरा। ब्रज की होली का इंतजार देश और दुनिया के लोगों को रहता है। इस बार तारीखों का एलान हो गया है। ब्रज में होलिका दहन 13 की देररात होगा। 14 मार्च को धुल्हेड़ी होगी। ज्योतिषाचार्य कामेश्वर चतुर्वेदी ने बताया कि 13 मार्च को होलिका दहन के दो मुहूर्त हैं। पहला मुहूर्त शाम 6.30 है और दूसरा रात 11.30 बजे होगा। 14 मार्च को धुल्हेड़ी का पर्व मनाया जाएगा।
धुल्हैंडी 14 मार्च को होगी
मथुरा, वृंदावन के साथ ही जिले के अन्य स्थानों पर मंदिरों में 14 मार्च को धुल्हैंडी होली होगी। बरसाना के राधारानी मंदिर, नंदगांव के नंदबाबा मंदिर, गोवर्धन के मंदिरों के साथ ही श्रीकृष्ण जन्मस्थान, ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर के साथ ही प्रसिद्ध द्वारकाधीश मंदिर में 14 मार्च को ही धुल्हैंडी मनाई जाएगी। इसकी तैयारियां मंदिरों में तेज हो गई हैं।
ब्रज की होली को 350 कलाकार जीवंत करेंगे। मयूर नृत्य, फूलों की होली, चरकुला नृत्य भगवान श्रीकृष्ण-राधा की होली का आनंद देंगे। यहां की होली के आयोजन में शामिल होने देश-दुनिया के श्रद्धालु आते हैं। उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद ने रंगोत्सव की तैयारी शुरू कर दी है। सात से 22 मार्च तक प्रमुख होली स्थलों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम किए जाएंगे।
यह हैं प्रमुख आयोजन
सात मार्च बरसाना में लड्डू होली
आठ मार्च बरसाना में लठामार होली
नौ मार्च नंदगांव में लठामार होली व रावल की होली
10 मार्च जन्मभूमि, ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में होली
11 मार्च गोकुल में छड़ीमार होली
13 मार्च गांव फालैन
15 मार्च दाऊजी का हुरंगा
16 मार्च नंदगांव का हुरंगा
17 मार्च जाब का हुरंगा
18 मार्च चरकुला मुखरई
19 मार्च गांव बठैन का हुरंगा
20 मार्च गिडोह का हुरंगा
21 मार्च छड़ीमार महावन
22 मार्च रंगजी मंदिर, वृंदावन।
40 दिन तक होते हैं आयोजन
ब्रज की होली अनोखी है। यहां चालीस दिन आयोजन होते हैं। बरसाना, नंदगांव की लठामार होली, गोकुल की छड़ीमार द्वापरयुग में ले जाती हैं। श्रद्धालु सुधबुध खोकर होली का मजा लेते हैं। होली में चार चांद लगाने को परिषद द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। प्रमुख होली के स्थलों पर यह आयोजन होते हैं। इसकी तैयारी शुरू हो चुकी है। सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने के लिए 33 ग्रुप बनाए गए हैं। इनमें पांच से सात कलाकार होंगे। करीब 200 कलाकार होंगे। 12 स्ट्रीट परफार्मर ग्रुप होंगे। इसमें भी करीब 150 कलाकार होंगे। यह कलाकार हरियाणा, राजस्थान, झांसी के कलाकार बुलाने पर मंथन चल रहा है। ब्रज के कलाकारों को ज्यादा अवसर दिया जाएगा।
परिषद के डिप्टी सीईओ सतीशचंद्र ने बताया कि रंगोत्सव की तैयारी चल रही हैं। सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए कलाकार चयनित किए जा रहे हैं। यह होंगी प्रस्तुति फाग गायन, चरकुला नृत्य, रसिया लोकगीत, हरियाणवी लोक नृत्य, चंग, डमरू, सारंगी, बीन, जिकड़ी भजन, ब्रज के लोक गीत, राई नृत्य, फूलों की होली, मयूर नृत्य।