आईएएनएस, नई दिल्ली। बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना ने मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार पर देश को आतंकवाद और अराजकता का केंद्र बनाने का आरोप लगाया है। उन्होंने बांग्लादेश लौटने का वादा करने के साथ ही पीड़ित परिवारों की मदद करने और उन्हें न्याय दिलाने का आश्वासन भी दिया है। बता दें कि गत जुलाई-अगस्त में सरकारी नौकरियों में विवादास्पद कोटा प्रणाली को लेकर उनकी सरकार के खिलाफ हिंसक छात्र आंदोलन हुआ था।
यूनुस पर उठाए सवाल
नतीजन गत पांच अगस्त को हसीना की अगुआई वाली अवामी लीग सरकार का पतन हो गया था। उन्हें देश छोड़ना पड़ा था और तब से वह भारत में हैं। हसीना ने सोमवार को भारत से बांग्लादेश में अपनी पार्टी अवामी लीग के समर्थकों को ऑनलाइन संबोधित किया।
उन्होंने कहा कि नोबेल पुरस्कार विजेता यूनुस ने कहा है कि उन्हें देश चलाने का अनुभव नहीं है तो ऐसे में उन्हें इस बड़ी जिम्मेदारी से बचना चाहिए था। उन्होंने उन पर आरोप लगाया कि वह पिछले वर्ष छात्रों के नेतृत्व वाले हिंसक प्रदर्शनों के दौरान दर्जनों पुलिस अधिकारियों की हत्या के बावजूद चुप रहे और अराजकता को बढ़ने दिया।
शेख हसीना ने लगाए गंभीर आरोप
77 वर्षीय हसीना ने कहा, श्यूनुस को सरकार चलाने का कोई अनुभव नहीं है। उन्होंने सभी जांच समितियों को भंग कर दिया और लोगों की हत्या करने के लिए आतंकियों को छोड़ दिया। वे बांग्लादेश को तबाह कर रहे हैं। हम इस आतंकवादी सरकार को उखाड़ फेकेंगे।श्
उन्होंने कहा, ‘मैं लौटूंगी। बांग्लादेश में हत्यारों को न्याय का सामना करना पड़ेगा। उनका हिसाब बांग्लादेश की धरती पर ही होगा। शायद इसीलिए अल्लाह ने मुझे जिंदा रखा है।’
भारत में रह रही हैं हसीना
बता दें कि बांग्लादेश में अपनी सरकार अपदस्थ होने के बाद से हसीना भारत में रह रही हैं। वह लंबे समय तक राजनीतिक रूप से सक्रिय नहीं रहीं, लेकिन अब वह अपने संबोधनों और संदेशों के जरिये अपने समर्थकों से संपर्क बना रही हैं। दूसरी तरफ, अंतरिम सरकार ने हसीना के प्रत्यर्पण की मांग को लेकर भारत से आग्रह किया है। उन पर मानवता के खिलाफ कथित अपराधों के आरोप लगाए गए हैं।