कुंभ नगर (राजेश सिंह)। महाकुंभ के सबसे बड़े अमृत स्नान पर्व मौनी अमावस्या पर 28 जनवरी की आधी रात के बाद संगम के पास भगदड़ की घटना की जांच के लिए सोमवार को न्यायिक आयोग तीर्थराज पहुंची।
आयोग ने भगदड़ का वीडियो देखा और उच्चाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। एक दिन के लिए आए आयोग के चेयरमैन और सदस्य शाम को लखनऊ लौट गए। महाशिवरात्रि के बाद आयोग फिर आएगा। न्यायिक आयोग को जांच रिपोर्ट देने के लिए एक माह का समय और मिल गया है।
उच्चाधिकारियों और पुलिस अधिकारियों से मुलाकात
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) भानु भास्कर ने बैठक के बाद मीडिया से कहा, न्यायिक जांच आयोग सोमवार सुबह करीब 10 बजे यहां पहुंचा। यहां इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर (आईट्रिपलसी) में आयोग के सदस्यों ने महाकुंभ में लगाए गए उच्चाधिकारियों और पुलिस अधिकारियों से मुलाकात की और सभी विषयों तथा तथ्यों की जांच की।
कहा कि आयोग ने विभिन्न संगठनों के साथ बातचीत और रिकॉर्ड की जांच भी शुरू कर दी है। आयोग के सदस्यों द्वारा मांगे गए सभी रिकॉर्ड अधिकारियों द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे हैं। आयोग की अगली बैठक महाशिवरात्रि के बाद होगी, जिसमें और दस्तावेज उपलब्ध कराए जाएंगे। आयोग के सदस्य वापस चले गए हैं। आयोग द्वारा बुलाई गई बैठक में एडीजी भास्कर के अलावा मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत, महाकुंभ मेलाधिकारी विजय किरन आनंद, डीआईजी महाकुंभ वैभव कृष्ण व अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
जांच पूरी करने के लिए दिया गया एक महीने का समय
भगदड़ की घटना में कम से कम 30 लोग मारे गए और 60 घायल हो गए थे। उत्तर प्रदेश सरकार ने घटना के अनुक्रम का पता लगाने के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया। आयोग के अध्यक्ष उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश हर्ष कुमार हैं। पैनल के अन्य सदस्य उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक (आईपीएस) वीके गुप्ता और सेवानिवृत्त भारतीय प्रशासनिक अधिकारी (आईएएस) डीके सिंह हैं। न्यायिक आयोग ने अपने गठन के अगले ही दिन अपना काम शुरू कर दिया। इसकी जांच पूरी करने के लिए एक महीने का समय दिया गया है।