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महाकुम्भः 73 देशों के राजनयिकों ने बताया अपने जीवन का अविस्मरणीय अनुभव

 

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कुम्भनगर (राजेश शुक्ल)। महाकुंभ 2025 में 73 देशों के राजनयिकों ने हिस्सा लिया और त्रिवेणी संगम का दर्शन किया। उन्होंने पवित्र त्रिवेणी में डुबकी लगाई अक्षयवट सरस्वती कूप और बड़े हनुमान मंदिर में माथा टेका और अखाड़ों के संतों से आशीष लिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजनयिकों से संवाद किया और उन्हें महाकुंभ के साथ ही प्रयागराज के महात्म्य से परिचित कराया जिसे राजनयिकों ने अपने जीवन का अविस्मरणीय अनुभव बताया।

रूस, जापान, इटली जैसे देशों के राजनयिक पहुंचे महाकुंभ, किया दर्शन-पूजन

जागरण संवाददाता, महाकुंभ नगर। दिव्य-भव्य महाकुंभ पहुंचे दुनिया के 73 देशों के राजनयिक शनिवार दोपहर को विहंगम संगम को देख आह्लादित हो उठे। एक दिवसीय आध्यात्मिक भ्रमण पर महाकुंभ में आए इन राजनयिकों ने पवित्र त्रिवेणी में डुबकी लगाकर अक्षयवट, सरस्वती कूप और बड़े हनुमान मंदिर में माथा टेका। पूजा अर्चना के बाद अखाड़ों के संतों से आशीष लिया और प्रदर्शनी का अवलोकन किया। महाकुंभ मेला स्थित पुलिस लाइन में शाम को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजनयिकों से संवाद किया। सीएम योगी ने राजदूतों से कहा कि उत्तर प्रदेश में धार्मिक पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं।

मुख्यमंत्री ने प्रयागराज के महात्म्य से परिचित कराया

मुख्यमंत्री ने विदेशी राजनयिकों को महाकुंभ के साथ ही प्रयागराज के महात्म्य से परिचित कराया। बताया कि भारत के अधिकांश तीर्थ गंगा तट पर ही स्थित है। प्रयागराज तो तीर्थों का राजा है, जिसे तीर्थराज कहा जाता है। उन्होंने राजनायिकों का प्रयागराज में स्वागत करते हुए कहा कि उन सभी की ये यात्रा निश्चित रूप से स्मरणीय साबित होगी। जब वो यहां से लौटेंगे तो स्वयं के साथ यादगार अनुभव लेकर जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरी दुनिया महाकुंभ को कौतूहल की दृष्टि से देख रही है। आप सभी का यहां आना हमे प्रफुल्लित करता है। महाकुंभ का ये पर्व हम सभी को आनंदित करता है। मां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पावन संगम पर बसा प्रयागराज दुनिया का प्राचीन नगर है। 

उन्होंने कहा कि महाकुंभ भारत की सांस्कृतिक विरासत का प्रतिबिंब है। अब तक देश और-दुनिया से करीब 34 करोड़ लोग यहां आकर संगम स्नान कर चुके हैं। यहां 26 फरवरी तक 45 करोड़ लोगों के आने की संभावना है। इस अवसर पर विदेशी राजनयिकों ने भी अपने अनुभवों को सीएम योगी के सामने साझा किया। भारतीय संस्कृति में नदियों, वृक्षों की पूजन परंपरा और उनके आध्यात्मिक महत्व को जानकर कई देशों के राजनयिक विशेष रूप से प्रभावित हुए। मुख्यमंत्री के साथ प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, नगर विकास मंत्री अरविंद कुमार शर्मा भी मौजूद थे।

त्रिवेणी संकुल में हुआ विदेशी मेहमानों का स्वागत

भारत की प्राचीन परंपरा और संस्कृति का साक्षात्कार करने 73 देशों राजनयिक महाकुंभ में सम्मिलित हुए। आस्था और आध्यात्म के सबसे बड़े समागम महाकुंभ में राजनयिकों का सबसे पहले अरैल क्षेत्र स्थित अस्थायी सर्किट हाउस त्रिवेणी संकुल में यूपी सरकार की ओर से स्वागत और अभिनंदन किया गया। 

वहां से सभी राजनयिकों को मोटर बोट के जरिए पवित्र त्रिवेणी का दर्शन व डुबकी लगवाई गई। उन्हें देश की सनातन संस्कृति और उसमें पवित्र संगम व महाकुंभ की महत्ता के बारे में बताया गया। कुछ देश के राजनयिकों ने संगम में पवित्र स्नान और गंगा जल का आचमन भी किया। इसे जीवन का अविस्मरणीय अनुभव बताया।

बोले राजनयिक, भारतीय संस्कृति व धरोहर को दर्शाता है महाकुंभ

विभिन्न देशों के राजनयिकों व विदेशी अतिथियों के 73 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल दिव्य-भव्य, नव्य महाकुंभ को देख अभिभूत हो उठा। अतिथियों ने कहा कि महाकुंभ भारतीय संस्कृति व धरोहर को दर्शाता है। महाकुंभ पहुंचकर राजदूतों ने खुद को सौभाग्यशाली बताया। योगी सरकार व विदेश मंत्रालय द्वारा राजनयिकों के लिए इस यात्रा की व्यवस्था पर खुशी भी जताई।

महाकुंभ बहुत ही विशेष आयोजन है। इसलिए मैं हिंदू संस्कृति को समझने के लिए यहां आने को उत्सुक थी। मुझे बहुत खुशी है कि राज्य सरकार और विदेश मंत्रालय राजनयिकों के लिए इस यात्रा की व्यवस्था कर रहा है। -केइची ओनो, भारत में जापान के राजदूत

इन देशों के आए राजनयिक

अल्जीरिया, अंगोला, अर्जेंटीना, अर्मेनिया, आस्ट्रिया, बांग्ला देश, बेलारूस, बेल्जियम, भूटान, बोलीविया, बोट्सवाना, बुल्गारिया, बर्कीना फासो, बुरुंडी, कंबोडिया, कैमरून, चड, चिली, कोलंबिया, कोस्टारिका, क्यूबा, साइप्रस, सीजेच रिपब्लिक, एक्वाडोर, ईजिप्ट, एल सल्वाडोर, एरीटिरिया, अस्टोनिया, फिजी, फिनलैंड, जार्जिया, जर्मनी, गाटेमाला, गीनिया, गुयाना, हंगरी, आइसलैंड, इटली, जमैका, जापान, किर्गिस्तान, लैटविया, लेसोथो, लिथुआनिया, लेग्जमबर्ग, मलेशिया, माली, माल्टा, मेक्सिको, मोल्डोवा, मंगोलिया, म्यांमार, नेपाल, नीदरलैंड, पैराग्वे, पेरू, पोलैंड, रोमानिया, रूस, सेचेल्स, स्लोवाक, साल्वेनिया, सोमालिया, दक्षिण अफ्रीका, सूरीनाम, स्वीडन, स्विटजरलैंड, थाईलैंड, ट्यूनीशिया, तुर्की, उरुग्वे, वेनेजुएला, जिंबाब्वे।

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