नई दिल्ली। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ का खौफनाक मंजर यादकर लोग अब भी सहमे हुए हैं। घटना के समय रेलवे परिसर में चारों ओर चीख पुकार मची हुई थी। लोग एक दूसरे पर चढ़े जा रहे थे। दूसरों को कुचलते हुए आगे बढ़ रहे थे। लोगों की सांसें टूट रही थीं।
कुली देवदूत बनकर सामने आए
इसी बीच यात्रियों का सामान ढोने वाले कुली देवदूत बनकर सामने आए और उन्होंने भगदड़ में दबे लोगों को निकालकर एंबुलेंस तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर तैनात 30 से अधिक कुलियों ने 50 से अधिक लोगों को मौत के मुंह से बाहर निकाला। उनका कहना था कि भगदड़ के बीच लोग मदद के लिए चिल्ला रहे थे। वो ऐसी स्थिति थी कि उनकी मदद के लिए कोई आगे नहीं आ रहा था, क्योंकि चारों ओर भगदड़ मची हुई थी। हर कोई भीड़ से निकलने का प्रयास कर रहा था। ऐसे समय ने कुलियों ने भीड़ में घुसकर ट्राली और कंधे पर उठाकर लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला और गेट पर खड़ी एंबुलेंस तक पहुंचाया। उनके इस कार्य की हर कोई सराहना कर रहा है।
कुलियों की आपबीती
जीतू ने बताया कि भगदड़ के समय प्लेटफार्म की सीढ़ियों पर ही खड़ा था। कई महिलाएं व बच्चे भीड़ में दबे थे और मदद के लिए चिल्ला रहे थे। ऐसे में सामान छोड़ पहले उनकी मदद की और करीब पांच से छह लोगों को भीड़ से निकालकर एंबुलेंस तक पहुंचाया। पिछले 20 साल से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर कुली का काम कर रहे बब्लू ने कहा कि ऐसी भगदड़ पहले कभी नहीं देखी थी। भीड़ में दबे करीब दस लोगों को ट्राली की मदद से बाहर निकाला। भगवान ऐसा दिन कभी न लाए। मुकेश बताते हैं कि भगदड़ मचते ही अफरा-तफरी मच गई। मैं बिना कुछ सोचे समझे भीड़ में घुस गया। जितना हो सका लोगों को बाहर निकालने में मदद की।