मेेजा, प्रयागराज विमल पाण्डेय। किसानों को गेहूं की फसल तैयार करने के लिए काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। पहले जहां डीएपी खाद के लिए परेशान होना पड़ा था वहीं अब यूरिया के लिए किसानों को परेशान होना पड़ रहा। खाद बीज की समस्या के बाद यूरिया की किल्लत से किसान जूझ रहे हैं। क्षेत्र के साधन सहकारी समितियों पर सीमित मात्रा में यूरिया आने पर किसानों को पर्याप्त मात्रा में यूरिया नहीं मिल पाई। यूरिया के लिए किसानों को मजबूरन निजी दुकानदारों से महंगे दामों में खरीदना पड़ रहा हैं। क्षेत्र के सोरांव गांव के किसान रामललख पाल, श्री गणेश द्विवेदी, राजेश शुक्ल, उमेश, बालकृष्ण शुक्ल ने बताया कि उरूवा लक्षन का पूरा, रामनगर, समोगरा आदि साधन सहकारी समितियों पर यूरिया नहीं मिल रही है। किसानों की मजबूरी का फायदा उठाकर निजी दुकानदार मनमाने ढंग से यूरिया के कीटनाशक दवाइयां दे रहे हैं। दवाइयां और जिंक की जरूरत किसानों को नहीं है फिर भी मजबूरी में किसान यूरिया लेने के लिए खरीद रहे हैं। जगेपुऱ गांव के किसान उमाशंकर पाण्डेय, अजय कुमार, लखनपुर के प्रधान संदीप तिवारी ने बताया कि साधन सहकारी समितियों पर खाद न मिलने पर बाजार में खुली दुकानों से खाद खरीदना पड़ रहा है। जहां दुकानदार बगैर दवा के खाद नहीं दी जा रही है। उधर कुंभ मेला का आयोजन होने के कारण अधिकारियों से शिकायत नहीं हो पा रही है, जिससे निजी दुकानदार मनमानी कर रहे हैं। सिगटी गांव के किसान अभयराज सिंह ने बताया कि गेहूं की पिछेती खेती करने वाले किसानों को दूसरी बार यूरिया खेत में डालने के लिए परेशान होना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि लगातार किसानों को खाद के लिए समस्या का सामना करना पड़ रहा है। संबंधित विभाग के अधिकारियों को किसानों की समस्या से कोई सरोकार नहीं है। निजी दुकानदार मनमाने ढंग से यूरिया के साथ किसानों को जिंक और दवाइयां दे रहे हैं मजबूरी में किसान खरीद रहे हैं। जिसकी शिकायत अधिकारियों से की जाएगी।