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रोबोट फिल्म के डायरेक्टर की 10 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क, साहित्यिक चोरी का लगा है आरोप

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पीटीआई, नई दिल्ली। फिल्म एंथिरन (रोबोट) के डायरेक्टर की 10 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति ईडी ने कुर्क कर ली है। ईडी के अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि कॉपीराइट उल्लंघन के आरोप में मनी लांड्रिंग रोकने के लिए बने कानून पीएमएलए के तहत यह कार्रवाई की गई है। कॉपीराइट अधिनियम, 1957 की धारा 63 के उल्लंघन पर पीएमएलए के तहत कार्रवाई की जाती है।

शंकर की तीन अचल संपत्तियों को कुर्क

अधिकारियों के अनुसार, फिल्म बनाते समय कॉपीराइट उल्लंघन पर पीएमएलए के तहत देश में संपत्ति कुर्क किए जाने का संभवतरू यह मामला है। ईडी ने बयान में कहा कि पीएमएलए के तहत फिल्म निदेशक एस. शंकर की तीन अचल संपत्तियों को कुर्क करने का प्रोविजनल आदेश 17 फरवरी को जारी किया गया था। इन संपत्तियों का कुल मूल्य 10.11 करोड़ रुपये है।

जिगुबा नामक कहानी के लेखक ने कराई थी शिकायत दर्ज

चेन्नई के एग्मोर की एक अदालत में शंकर के खिलाफ जिगुबा नामक कहानी के लेखक आरूर तमिलनाडन ने शिकायत दर्ज कराई थी। इसी के आधार पर ईडी ने मनी लांड्रिंग का मामला दर्ज किया था।

रोबोट की कहानी नकल करने का आरोप

शिकायत में आरोप लगाया गया है कि शंकर द्वारा निर्देशित तमिल फिल्म एंथिरन (रोबोट) की कहानी जिगुबा से नकल की गई थी। उन्होंने शंकर पर कापीराइट अधिनियम, 1957 और भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) की कुछ धाराओं के उल्लंघन का आरोप लगाया।

एंथिरन 2010 में रिलीज हुई थी। इसमें रजनीकांत और ऐश्वर्या राय मुख्य भूमिका में थे। इस फिल्म ने दुनियाभर में 290 करोड़ रुपये की कमाई की। यह फिल्म उस समय की ब्लॉकबस्टर फिल्म थी। ईडी ने कहा कि जांच में पता चला कि शंकर को स्टोरी, पटकथा, संवाद और निर्देशन सहित एंथिरन में उनके योगदान के लिए 11.5 करोड़ रुपये का पारिश्रमिक मिला। भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान (एफटीआइआइ) की रिपोर्ट में भी जिगुबा और फिल्म एंथिरन की कहानी के बीच आश्चर्यजनक समानताएं मिलीं।

शंकर ने कॉपीराइट अधिनियम, 1957 की धारा 63 का उल्लंघन किया- ईडी

ईडी ने कहा, पर्याप्त साक्ष्य और उपलब्ध रिकॉर्ड के आधार पर पता चला कि शंकर ने कॉपीराइट अधिनियम, 1957 की धारा 63 का उल्लंघन किया है। यह उल्लंघन अब पीएमएलए के तहत अनुसूचित अपराध के रूप में वर्गीकृत है। इसका मतलब यह है कि कॉपीराइट अधिनियम, 1957 की धारा 63 का उल्लंघन पर पीएमएलए के तहत कार्रवाई होती है।

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