मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि महाकुंभ हादसे की जांच के लिए न्यायिक जांच आयोग गठित किया जा चुका है। सदन को आश्वस्त करना चाहूंगा कि प्रयागराज भगदड़ का गुनहगार कोई भी होगा, कहीं भी छिपा होगा, कितना भी बड़ा क्यों न होगा, वह बचेगा नहीं, उसे बख्शा नहीं जाएगा। सपा के राकेश कुमार वर्मा, डॉ. संग्राम यादव व कांग्रेस की आराधना मिश्रा मोना ने इस हादसे में मारे गए लोगों की सही संख्या बताने की सरकार से मांग की। विपक्ष के आरोपों का जवाब योगी आदित्यनाथ ने डेढ़ घंटे में सिलसिलेवार दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुंभ किसी पार्टी विशेष और सरकार का नहीं, बल्कि समाज का आयोजन है। सरकार पीछे है। सरकार सहयोग और उत्तरदायित्वों का निर्वहन करने के लिए सेवक के रूप में है। तमाम दुष्प्रचार को दरकिनार करते हुए देश-दुनिया ने इस आयोजन के साथ सहभागी बनकर इसे सफलता की नई ऊंचाई तक पहुंचाया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे जिम्मेदारियों का अहसास है। 29 जनवरी को भगदड़ के शिकार श्रद्धालुओं और प्रयागराज कुंभ के दौरान सोनभद्र, अलीगढ़ या अन्य स्थानों पर जो श्रद्धालु सड़क दुर्घटना के शिकार हुए हैं, उन्हें हम श्रद्धांजलि देते हैं। हमारी संवेदना परिवारीजनों के प्रति हैं। सरकार उनके साथ खड़ी है और हरसंभव मदद करेगी। प्रश्न यह है कि इस पर राजनीति करना कितना उचित है?
अखिलेश यादव का नाम लिए बगैर व्यंग्य
मुख्यमंत्री ने अखिलेश यादव का नाम लिए बगैर व्यंग्य करते हुए कहा कि जो लोग शुरू में महाकुंभ का विरोध कर रहे थे, वे भी अब चुपचाप स्नान कर आए। कुछ विपक्षी नेता महाकुंभ को ‘मृत्यु कुंभ’ बताकर सनातन धर्म का अपमान कर रहे हैं। अयोध्या में जब रामलला विराजमान हुए, तब भी यही लोग विरोध कर रहे थे। जब हमने प्रस्ताव दिया कि सभी विधायक अयोध्या दर्शन के लिए जाएं, तब सपा ने इससे दूरी बना ली थी।