भोर में 5:09 बजे से शुरू होगी आस्था की डुबकी
प्रयागराज (राजेश सिंह)। महाशिवरात्रि पर इस बार 21. 46 घंटे का पुण्यकाल बन रहा है। इस महायोग में संगम में श्रद्धालु पुण्य की डुबकी लगाएंगे। मकर राशि पर चंद्रमा के गोचर करने के साथ ही परिघ योग में संगम में डुबकी से आखिरी स्नान पर्व का पुण्य सनातनधर्मी अर्जित करेंगे।
पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत बुधवार को दिन के 11: 08 बजे होगी। बृहस्पतिवार की सुबह 08: 54 बजे तक चतुर्दशी रहेगी। ऐसे में महाशिवरात्रि पर स्नान का पुण्यकाल बृहस्पतिवार की सुबह नौ बजे तक रहेगा। इसके अलावा स्नान के कई मुहूर्त बन रहे हैं। ज्योतिषाचार्य पं. ब्रजेंद्र मिश्र के मुताबिक महाशिवरात्रि के दिन ब्रह्म मुहूर्त की शुरुआत 05:09 बजे होगी। ब्रह्म मुहूर्त का समापन 5: 59 बजे जाएगा।
गोधूलि मुहूर्त शाम 6:16 बजे शुरु होगा। यह मुहूर्त शाम 6: 42 बजे तक रहेगा। इसके बाद निशीथ काल मुहूर्त रात 12:09 बजे से 12: 59 बजे तक रहेगा। महाशिवरात्रि के दिन ब्रह्म मुहूर्त में महाकुंभ का अंतिम स्नान शुरू होगा। ब्रह्म मुहूर्त में संगम में स्नान करना विशेष फलदायी होता है।
इसके अलावा महाशिवरात्रि के दिन महाकुंभ में किसी भी समय आस्था की डुबकी लगाई जा सकती है। धनिष्ठा नक्षत्र, परिघ योग, शकुनी करण और मकर राशि पर चंद्रमा की उपस्थिति रहेगी। इस दिन आराधना से शिव जी की कृपा प्राप्त होती है।
महाशिवरात्रि पर शास्त्रीय मान्यता के अनुसार चार प्रहर की पूजा का विशेष महत्व है। पौराणिक मान्यता के अनुसार चार प्रहर की साधना से धन, यश, प्रतिष्ठा और समृद्धि प्राप्त होती है। जिनके जीवन में संतान संबंधी बाधा हो रही हो, उन्हें भी यह साधना अवश्य करनी चाहिए।
चार प्रहर की पूजा का समय
प्रथम प्रहर पूजा का समय: सायं 06:19 बजे से रात्रि 09:26 बजे तक
द्वितीय प्रहर पूजा का समय: रात्रि 09:26 बजे से मध्यरात्रि 12:34 बजे तक
तृतीय प्रहर पूजा का समय: मध्यरात्रि 12:34 बजे से 27 फरवरी , प्रातः 03:41 बजे तक
चतुर्थ प्रहर पूजा का समय: 27 फरवरी , प्रातः 03:41 बजे से प्रातः 06:48 बजे तक
महाशिवरात्रि पर उमड़ा आस्था का महाज्वार, 64 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी महाकुंभ नगर। महाकुंभ के छठे और आखिरी स्नान पर्व महाशिवरात्रि पर संगम में पुण्य की डुबकी के लिए भक्ति का जन सागर फिर उफना गया है। देर रात तक डुबकी के लिए संगम पर लाखों श्रद्धालु पहुंच गए। पुण्यकाल और मुहूर्त का इंतजार किए बिना आधी रात से ही आस्था की डुबकी लगने लगी। मंगलवार को भी एक करोड़ से अधिक ने स्नान किया। अब तक 64 करोड़ से अधिक श्रद्धालु संगम में डुबकी लगा चुके हैं।