कुम्भनगर (राजेश शुक्ल)। वसंत पंचमी पर महाकुंभ का तीसरा और अंतिम अमृत स्नान जारी है। हाथों में तलवार-गदा, डमरू और शंख। शरीर पर भभूत। आंखों पर काला चश्मा। घोड़े और रथ की सवारी। हर-हर महादेव का जयघोष करते हुए साधु-संत स्नान के लिए संगम पहुंचे। सबसे पहले पंचायती निरंजनी अखाड़े के संत संगम में अमृत स्नान किया। फिर सबसे बड़े जूना अखाड़े के साथ किन्नर अखाड़े ने डुबकी लगाई। शाम 5 बजे तक सभी 13 अखाड़ों ने स्नान कर लिया।
संतों का आशीर्वाद लेने के लिए लाखों श्रद्धालु संगम पर थे। लोग नागा साधुओं की चरण रज माथे पर लगाते नजर आए। 30 से ज्यादा देशों के लोग भी अमृत स्नान देखने के लिए संगम पहुंचे। हेलिकॉप्टर से संगम पर 20 क्विंटल फूल बरसाए गए। संगम जाने वाले सभी रास्तों पर 10 किमी तक श्रद्धालुओं का रेला है। प्रयागराज जंक्शन से 8 से 10 किमी पैदल चलकर लोग संगम पहुंच रहे हैं। भीड़ को देखते हुए लेटे हनुमान मंदिर को बंद कर दिया गया है। मेला क्षेत्र के सभी रास्ते वन-वे हैं।
भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक सोमवार को लखनऊ पहुंचे। सीएम योगी आदित्यनाथ ने उन्हें रिसीव किया। भूटान नरेश मंगलवार को कुंभ जाएंगे। महाकुंभ का आज 22वां दिन है। 6 बजे तक 2.33 करोड़ श्रद्धालुओं ने स्नान किया। 13 जनवरी से अब तक 34.97 करोड़ से ज्यादा लोग डुबकी लगा चुके हैं।
महाकुंभ मेले में 60 हजार से ज्यादा जवान तैनात हैं। भीड़ संभालने के लिए 100 से ज्यादा नए प्च्ै को भी उतारा गया है। हेलिकॉप्टर से भीड़ की मॉनिटरिंग की जा रही है। 2750 ब्ब्ज्ट भी लगाए गए हैं। लखनऊ में सीएम आवास पर कंट्रोल रूम बनाया गया है। क्ळच्, प्रमुख सचिव गृह और सीनियर अफसरों के साथ योगी तड़के 3 बजे से खुद मॉनिटरिंग कर रहे थे।
योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी और उनकी पत्नी पूर्व महापौर अभिलाषा गुप्ता नंदी बसंत पंचमी के मौके पर संगम में स्नान किया। महाकुंभ में डुबकी लगाने के लिए देश के कोने-कोने से लोग महाकुंभ पहुंच रहे हैं। भीड़ को देखते प्रशासन ने बस स्टेशन और रेलवे स्टेशन से चार पहियों के आवाजाही पर रोक लगा रखी है। केवल कुछ मार्गों पर बाइक की अनुमति है। लोग पांच से सात किमी चलकर त्रिवेणी संगम पहुंच रहे हैं। इसमें बहुत से बुजुर्ग श्रद्धालु भी हैं, जो बड़ी मुश्किल से पैदल चल पा रहे हैं। इन बुजुर्गों के लिए जिले के प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों ने श्सेवा की सवारीश् लॉन्च की है। युवा शिक्षकों का एक ग्रुप अपनी बाइक लेकर इन बुजुर्गों को निशुल्क कुंभ क्षेत्र तक पहुंचा कर उनकी सेवा कर रहे हैं।