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‘हमारे पास और भी प्रॉब्लम हैं...’, यूसैड मामले पर भड़के ट्रंप

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नई दिल्ली। वोटर टर्नआउट के लिए 21 मिलियन डॉलर की अमेरिकी मदद पर भारत से लेकर अमेरिका तक बवाल मचा हुआ है। डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में इस पर रोक लगा दी थी। उन्होंने कहा था कि भारत के पास काफी पैसा है, उन्हें हमारी मदद की जरूरत नहीं है।

वहीं अब डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर यूएसएड की फंडिंग पर सवालिया निशान खड़ा किया है। उन्होंने इसे रिश्वत करार दिया है। एक कार्यक्रम में रिपब्लिकन गवर्नरों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, श्क्या आपको पता है कि ये सारा पैसा भारत जा रहा था। ये एक किकबैक स्कीम है। जो इसे दे रहे थे, उन्हें ही ये वापस भेज दिया जा रहा था।श्

ट्रंप ने की थी वित्तीय मदद की आलोचना

हालांकि डोनाल्ड ट्रंप ने अभी तक इसका कोई सबूत नहीं दिया है। ट्रंप ने बांग्लादेश को दी जा रही 29 बिलियन डॉलर की मदद पर भी सवाल उठाया है। उन्होंने कहा, श्कई मामलों में आपको पता ही नहीं है कि किस बारे में बात हो रही है। ये रिश्वत की तरह है, क्योंकि किसी को नहीं पता कि वहां क्या चल रहा है।श्

डोनाल्ड ट्रंप ने ये भी कहा कि मैं इस बारे में क्यों चिंता करूं? हमारे पास काफी कुछ है। हमारे पास काफी परेशानियां हैं और ये सब कुछ अब बंद हो चुका है। हमने इसे टर्मिनेट कर दिया है और अब हम ट्रैक पर हैं।

विदेश मंत्रालय ने जताई चिंता

इस मामले में भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी चिंता जताई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि देश में कुछ गतिविधियों के लिए यूएसएड की मदद से जुड़ा खुलासा काफी परेशान करने वाला है। इससे आंतरिक मामलों में विदेशी हस्तक्षेप को लेकर चिंता पैदा हुई है।

उन्होंने कि मामले में संबंधित अधिकारी और विभाग जांच करेंगे। बता दें कि यूएसएड द्वारा भारत को 21 मिलियन डॉलर की मदद देने का दावा किया जा रहा है। ये मदद चुनावों में वोटर टर्नआउट बढ़ाने के लिए दिया जा रही थी। वहीं ट्रंप ने आरोप लगाया है कि बाइडन प्रशासन किसी और को चुनाव जिताने के लिए ये कर रहा था।

कांग्रेस ने भाजपा पर साधा निशाना

वहीं इस पूरे मसले पर भारत में भी विवाद गहराया हुआ है। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा, एक हफ्ते से एक कहानी चलाई रही है कि यूसैड ने नरेंद्र मोदी सरकार को अस्थिर करने के लिए 21 मिलियन डॉलर दिए। अगर इतनी सुरक्षा एजेंसियों के होते हुए भी मोदी सरकार ने भारत में 21 मिलियन डॉलर आने दिए तो ये शर्म की बात है।

उन्होंने कहा कि जब इस बारे में मोदी सरकार से सवाल पूछा गया तो कहने लगे- ये पैसा 2012 में यूपीए के समय आया था। ऐसे में क्या 2014 में बीजेपी इसी पैसे से जीती थी? हम यूसैड या किसी फंडिंग एजेंसी के खिलाफ नहीं हैं। देश में फंडिंग के लिए कानून हैं, जिनके तहत ठश्रच् से जुड़े छळव्े भी फंड लेते हैं, लेकिन जानबूझकर सिर्फ कांग्रेस का नाम लेना गलत है।

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