रॉयटर, मॉस्को। यूक्रेन युद्ध को रोकने के लिए रूस को यूरोप, अमेरिका और ब्रिटेन में जब्त अपनी संपत्तियों पर से दावा छोड़ना पड़ सकता है। ये संपत्तियां करीब 350 अरब डॉलर की हैं। इनमें कई अचल संपत्तियां हैं और बैंकों में जमा नकदी भी है। यह धनराशि युद्ध से बर्बाद हुए यूक्रेन के पुनर्निर्माण में खर्च हो सकती है। लेकिन रूस इस धनराशि का 20 प्रतिशत हिस्सा अपने कब्जे वाले यूक्रेन के हिस्से के लिए भी मांग रहा है, इन हिस्सों को भी युद्ध में भारी नुकसान हुआ है।
अमेरिका और रूस के विदेश मंत्रियों की वार्ता में इस बाबत चर्चा हुई
सूत्रों के अनुसार रियाद में 18 फरवरी को हुई अमेरिका और रूस के विदेश मंत्रियों की वार्ता में इस बाबत चर्चा हुई है। 12 फरवरी को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच डेढ़ घंटे चली वार्ता के बाद 18 फरवरी को रियाद में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की साढ़े चार घंटे वार्ता हुई। इस बातचीत में आपसी संबंधों के साथ ही यूक्रेन युद्ध पर भी चर्चा हुई।
रूस युद्ध में यूक्रेन की जीती हुई जमीन को वापस करने के लिए तैयार नहीं
रूस युद्ध में यूक्रेन की जीती हुई जमीन को वापस करने के लिए तैयार नहीं है। ऐसे में यूक्रेन को संतुष्ट करने के लिए रूस को उसकी जब्त संपत्ति यूक्रेन को देने के लिए तैयार किया जा रहा है। करीब 350 अरब डॉलर की यह संपत्ति की है। यह धनराशि यूक्रेन को युद्ध में हुए नुकसान की भरपाई के लिए दी जा सकती है। यह विचार अभी प्रारंभिक चरण में है।
ट्रंप और पुतिन की मुलाकात करेंगे
यूक्रेन में युद्धविराम के लिए स्पष्ट रूपरेखा बनने के बाद ही ट्रंप और पुतिन की मुलाकात करेंगे। इसके लिए दोनों देशों के राजनयिक पर्दे के पीछे से स्थितियां बनाने में लगे हुए हैं।
जेलेंस्की को ट्रंप के साथ मिलकर काम करने की सलाह
इस बीच पोलैंड के राष्ट्रपति आंद्रेजेज डूडा ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को ट्रंप के साथ मिलकर काम करने की सलाह दी है। डूडा ने एक्स पर लिखा है कि उन्हें कोई शक नहीं है कि राष्ट्रपति ट्रंप वैश्विक शांति और स्थिरता की गंभीर भावना से कार्य कर रहे हैं। विदित हो कि पोलैंड यूक्रेन का पड़ोसी देश है और युद्ध के दौरान उसने यूक्रेन की काफी मदद की है।