Ads Area

Aaradhya beauty parlour Publish Your Ad Here Shambhavi Mobile

सुनीता विलियम्स की वापसी के बाद यूपी का बेटा उड़ान भरने को तैयार

sv news

लखनऊ। अंतरिक्ष की दुनिया में भारत की धमाकेदार उपस्थिति बढ़ती जा रही है। बुधवार को भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स स्पेस एक्स के ड्रैगन कैप्सूल से पृथ्वी पर लौटीं, भारतीय मूल की सुनीता की वापसी ने पूरी दुनिया को रोमांचित कर दिया है। लोग इंटरनेट मीडिया पर उनकी वापसी की वीडियो साझा करते हुए अपनी बधाई देते दिखे।

भारतीयों के लिए ऐसे ही एक और रोमांच का क्षण बहुत जल्द आने वाला है, जब लखनऊ के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला बहुत जल्द ही अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आइएसएस) की ऐतिहासिक यात्रा पर जाने वाले हैं। कैप्टन शुक्ला नासा और इसरो के सहयोगी मिशन एक्सिओम मिशन- 4 में बतौर पायलट शामिल होंगे।

कैप्टन शुक्ला इस मिशन का हिस्सा बनने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री होंगे। 39 वर्षीय कैप्टन की ट्रेनिंग अमेरिका में नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर में चल रही है और मई 2025 में वह अंतरिक्ष के सफर पर रवाना होंगे। शुभांशु के पिता शंभू दयाल शुक्ला का कहना है कि वह दो-तीन दिन में अपने बेटे से बात करते हैं और उन्हें इस मिशन पर गर्व है। सुनीता विलियम्स की अंतरिक्ष से वापसी को देखकर रोमांचित हुए कैप्टन शुक्ला के पिता बोले, यह बहुत अच्छा रहा, करीब नौ महीने बाद वह सकुशल लौटी, उनका अच्छा अनुभव रहा है, इससे निश्चित तौर पर अगले मिशन पर जाने वाले अंतरिक्ष यात्रियों को मार्गदर्शन भी मिलेगा।

कैप्टन शुभांशु गगनयान मिशन के अंतरिक्ष यात्रियों में भी शामिल हैं, जो भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन होगा। उनके पास दो हजार घंटे तक लड़ाकू वायुयान उड़ाने का अनुभव है। अब वह स्पेस की उड़ान भरने के लिए ट्रेनिंग ले रहे हैं। कैप्टन शुक्ला अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा के बाद जाने वाले दूसरे भारतीय होंगे। उन्होंने वर्ष 1984 में सोवियत संघ के यान से अंतरिक्ष की यात्रा की थी। कैप्टन शुक्ला मई में संभावित अंतरिक्ष यात्रा मिशन नासा, इसरो, यूरोपियन स्पेस एजेंसी और जापानी स्पेस एजेंसी मिलकर काम करेंगे।

लखनऊ सहित प्रदेश और देश के लिए यह गर्व का विषय है कि उनके शहर का एक बेटा बहुत जल्द अंतरिक्ष की उड़ान भरने वाला है। उनके परिवार, दोस्त और शिक्षकों में खुशी की लहर है। शुभांशु की इस ऐतिहासिक यात्रा पर पूरे देश की नजरें टिकी हुई हैं। वहीं, अंतरिक्ष प्रेमियों के लिए भी एक रोमांचक क्षण होगा।

स्पेस टेक्नोलाजी में बढ़ रहा है अवसर

अंतरिक्ष की उड़ान के साथ इस क्षेत्र में बढ़ते अवसरों को देखते हुए उच्च शिक्षण संस्थान भी इस दिशा में कदम बढ़ाने की सोच रहे हैं। हालांकि अभी लखनऊ के किसी भी संस्थान में अलग से स्पेस टेक्नोलाजी जैसे कोर्स की पढ़ाई नहीं हो रही है।

डा. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. जेपी पांडेय ने बताया कि बीटेक प्रोग्राम में एक पेपर के तौर पर स्पेस साइंस है, लेकिन इसके लिए अलग से कोर्स नहीं है। बीटेक इन स्पेस टेक्नोलोजी के नाम से एक प्रोग्राम प्रस्तावित किया गया है, इसके लिए कालेजों से प्रस्ताव मांगे जाएंगे। कालेजों से प्रस्ताव आने के बाद बीटेक में स्पेस साइंस एक ब्रांच के तौर पर शुरू किया जा सकता है।


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Top Post Ad