लखनऊ। बिहार विधानसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा 22 मार्च को उत्तर प्रदेश में बिहार दिवस मनाने जा रही है। इसके लिए उन छह जिलों को चुना गया है जहां बिहार के लोग अधिक संख्या में रहते हैं।
यह आयोजन राजधानी लखनऊ के अलावा वाराणसी, गोरखपुर, कुशीनगर, गौतम बुद्ध नगर व गाजियाबाद में होगा। श्श्स्नेह मिलनश्श् नाम से आयोजित इस कार्यक्रम में बिहार के पारंपरिक व्यंजन परोसे जाएंगे। बिहार के ही कलाकार सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिए अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। एनडीए सरकार की उपलब्धियां भी गिनाई जाएंगी।
एक भारत श्रेष्ठ भारतश्श् अभियान के तहत होने वाले श्श्स्नेह मिलन कार्यक्रम में बिहार के प्रदेश में रह रहे लोगों को बुलाया जाएगा। इस आयोजन को भव्य बनाकर बिहार के मतदाताओं को रिझाने की कोशिश की जाएगी। इसमें प्रवासी बिहारियों के लिए सम्मान समारोह, सांस्कृतिक कार्यक्रम और सामूहिक भोज का आयोजन किया जाएगा। इसके जरिए भाजपा बिहार के प्रवासी मतदाताओं तक अपनी पहुंच बनाने की कोशिश करेगी। इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री, बिहार के भाजपा नेता व प्रदेश के वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल होंगे।
इस आयोजन को सफल बनाने के लिए भाजपा ने प्रदेश स्तर पर एमएलसी एवं प्रदेश महामंत्री सुभाष यदुवंश को संयोजक बनाया है। इसमें एमएलसी धर्मेन्द्र व प्रदेश मंत्री मीना चौबे को सह संयोजक बनाया गया है। जिन छह जिलों में कार्यक्रम होना है वहां भी एक संयोजक व दो सह संयोजक बनाए गए हैं।
गाजियाबाद में आयोजित ‘स्नेह मिलन’ कार्यक्रम में सांसद राधा मोहन सिंह व प्रेम रंजन पटेल, नोएडा में बिहार के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. संजय जायसवाल व पूर्व विधायक शैलेन्द्र मिश्रभ् शामिल होंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भी समय लखनऊ या गोरखपुर में आयोजित कार्यक्रम के लिए मांगा जा रहा है।
श्श्स्नेह मिलनश्श् कार्यक्रम में लिट्टी चोखा, दही चूरा जैसे बिहार के पारंपरिक व्यंजन परोसे जाएंगे। भाजपा की यह कोशिश है कि बिहार के प्रवासियों के सामने उनके राज्य के व्यंजन, उनकी संस्कृति व उनके अपने लोगों के बीच वे अपनापन महसूस करें। प्रत्येक कार्यक्रम में 500 से एक हजार लोगों को बुलाने की योजना है।
प्रबुद्धजन के घर चाय व भोजन पर भी जाएंगे भाजपाई
स्नेह मिलन कार्यक्रम के बाद अगले दो-तीन दिन भाजपा के नेता बिहार के प्रदेश में रह रहे प्रबुद्धजन के घर चाय या भोजन पर भी जाएंगे। इसके अलावा ऐसे स्थानों को चुना जा रहा है जहां पर छोटी-छोटी बैठकें आयोजित की जा सकें। इस दौरान पार्टी बिहार की एनडीए सरकार व केंद्र की एनडीए सरकार की उपलब्धियां गिनाई जाएंगी।