पटना। अगले चार महीने के अंदर यानी जून से प्रदेश के सभी किसानों को कृषि कार्य के लिए डेडिकेटेड कृषि फीडर से बिजली मिलने लगेगी। प्रदेश में 3000 कृषि फीडर की आवश्यकता है और ढाई हजार कृषि फीडर तैयार हो गए हैं। जून तक 3000 कृषि फीडर तैयार हो जाएंगे।
कृषि फीडर से मिलने वाले कनेक्शन के संबंध में यह जानकारी दी गई कि प्रदेश में 2.85 लाख किसान ऐसे हैं जिन्होंने कृषि फीडर से कनेक्शन के लिए आवेदन दे रखा है पर उन्हें अभी तक कनेक्शन नहीं मिला है।
कृषि फीडर से 5.55 लाख किसानों को मिला बिजली कनेक्शन
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह निर्देश दिया है जून तक सभी बचे हुए किसानों को कनेक्शन उपलब्ध करा दिया जाए। प्रदेश के कृषि फीडर से अब तक 5.55 लाख किसानों को कृषि कार्य के लिए बिजली कनेक्शन उपलब्ध करा दिए गए हैं।
इस रेट पर मिल रही बिजली
प्रदेश में 1150 मेगावाट बिजली किसानों को सिंचाई कार्य के लिए उपलब्ध करायी जाती है। यह बिजली थर्मल पावर प्लांट से 6.74 रुपए प्रति यूनिट की दर से क्रय कर किसानों 55 पैसे प्रति यूनिट की दर पर उपलब्ध करायी जाती है। इस योजना के तहत सरकार प्रति वर्ष 3970 करोड़ रुपए की सब्सिडी उपलब्ध कराती है।
ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि सौर ऊर्जा की मदद से कृषि फीडरों को बिजली उपलब्ध कराने से किसानों को निर्बाध बिजली उपलब्ध कराने में काफी मदद मिलेगी।
मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा ने कहा कि कृषि फीडरों के सोलराइजेशन से सुखाड़ जैसी परिस्थितियों का सामना करने में सहूलियत होगी। डीजल से 10 गुना अधिक सस्ती है सोलर ऊर्जा से मिलने वाली बिजली।
कजरा सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट देश की सबसे बड़ी बैट्री भंडारण परियोजना
लखीसराय की कजरा सौर ऊर्जा परियोजना देश का सबसे बड़ा बैट्री भंडारण सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट है। यहां दो परियोजनाओं को मिलाकर 301 मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन होगा। जुलाई-अगस्त में इस प्रोजेक्ट के आरंभ होने की संभावना है।
ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि राज्य सरकार ऊर्जा उत्पादन क्षमता बढ़ाने, पर्यावरण संरक्षण को प्रोत्साहित करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। कजरा की इन दोनों परियोजनाओं के पूरा हो जाने पर बिहार में 301 मेगावाट की हरित उर्जा उपलब्ध हो जाएगी। यह देश की सबसे बड़ी 495 मेगावाट आवर बैट्री भंडारण क्षमता को स्थापित करेगी। यह प्रोजेक्ट नवीकरणीय ऊर्जा दायित्व को पूरा करने में भी सहायक होगा।
राज्य में कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी। कजरा सौर ऊर्जा परियोजना के पहले चरण में 185 मेगावाट सौैर ऊर्जा क्षमता का विकास हो रहा। दूसरे चरण में 116 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता का विकास किया जा रहा। विस्तारीकरण के साथ इस परियोजना की लागत 1055.72 करोड़ रुपए है।
यह परियोजना 80रू20 वित्तीय मॉडल के तहत क्रियान्वित की जा रही। इसमें कुल लागत का 80 प्रतिशत विभिन्न वित्तीय संस्थानों की मदद से तथा 20 प्रतिशत पूंजीगत निवेश के रूप में लगाया जा रहा। कजरा सौर परियोजना के लिए 1232 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया है। प्रथम चरण की परियोजना के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी एलएंडटी को सौंपी गई है।