35 गांवों की भूमि आएगी जद में
प्रयागराज (राजेश सिंह)। इनर रिंग रोड योजना के तहत पहले चरण के अगले दो फेज का काम जल्द शुरू होना है। इसके लिए भूमि अधिग्रहण का काम अप्रैल माह से शुरू होने की उम्मीद है। इस दौरान इनर रिंग रोड के प्रोजेक्ट के रास्ते में आने वाले लगभग 35 गांवों से जमीन अधिग्रहित की जानी है। इसके लिए करीब 500 करोड़ रुपये मुआवजे का अनुमान है।
इनर रिंग रोड के पहले चरण के तीन फेज में 31.4 किलोमीटर सड़क का निर्माण किया जाना है। अब तक 15 किलोमीटर का काम पूरा कर लिया गया है। बाकी 16.4 किलोमीटर का काम शुरू होना है। पहले चरण में फूलपुर से करछना में 23 किलोमीटर लंबी सड़क, 7 अंडरपास, 2 रेलवे पुल और तीन पुल का निर्माण किया जाना है। इनमें दो गंगा नदी पर बनने वाले पुलों में पहला गंगापार के झूंसी और यमुनापार के नैनी को जोड़ेगा। वहीं, दूसरा पुल भी झूंसी और नैनी के बीच प्रस्तावित है, जो रिंग रोड परियोजना का हिस्सा है।
यह दोनों ही सिक्सलेन पुल हैं। इन पुलों के निर्माण से नया यमुना पुल और शास्त्री पुल पर वाहनों का दबाव कम होगा। इन दोनों पुलों का निर्माण मई और जून 2026 तक पूरा होना है। इसके अलावा यमुना नदी पर एक पुल बक्शी गांव में बनाया जाएगा। महाकुंभ से पहले इस पर काम शुरू किया गया था। अब तक 15 किलोमीटर का काम पूरा हो सका है। इनमें चार अंडर पास व एक रेलवे ओवर ब्रिज का काम पूरा हो चुका है।
प्रयागराज इनर रिंग रोड के पहले चरण में कुल 30 किलोमीटर का काम होगा, जिसे तीन चरणों में विभाजित किया गया है। पहला चरण लवायन कला से शुरू होकर सहसो बाईपास के पास एनएच-2 से जुड़ेगा, जिसमें 45 गांवों से होकर गुजरने वाली 29.466 किलोमीटर सड़क का निर्माण शामिल है। पहले चरण के तीनों फेज की कुल लागत लगभग 3100 करोड़ रुपये है, जिसमें 65 किलोमीटर की रिंग रोड का निर्माण शामिल है।
इनर रिंग रोड के पहले चरण के तहत तीनों फेज का काम चल रहा है। इनमें 15 किलोमीटर सड़क व एक रेलवे पुल का काम पूरा कर लिया गया है। इसके अलावा अन्य निर्माण कार्य के लिए भूमि अधिग्रहण का काम अप्रैल महीने में शुरू हो जाएगा। -पंकज मिश्रा, निदेशक, परियोजना प्रबंधक, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण।