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चौत्र नवरात्र के दूसरे दिन आज घर घर पूजी जाएगी माता ब्रह्मचारिणी

 

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मेजा, प्रयागराज। चौत्र नवरात्र के दूसरे दिन आज सोमवार को शीतला धाम रामनगर, आदिशक्ति मां सवालखी धाम सोरांव गांव सहित देवी मंदिरों में माता आदिशक्ति का शास्त्रों में नवरात्रि में खास महत्व है। वहीं नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी का पूजा- अर्चना करने का विधान है। मान्यता अनुसार मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से हर क्षेत्र में सफलता हासिल होती है।  साथ ही सुख- समृद्धि की प्राप्ति होती है। ‘ब्रह्म’ का अर्थ तपस्या है और ‘चारिणी’ का अर्थ आचरण करने वाली यानी तप का आचरण करने वाली देवी। आइए जानते हैं मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, भोग, आरती और मंत्र। 

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मां ब्रह्मचारिणी का स्वरूप

वहीं दुर्गा सप्तशती के अनुसार मां ब्रह्मचारिणी श्वेत वस्त्र धारण किए हैं और दाएं हाथ में अष्टदल की माला और बाएं हाथ में कमंडल लिए सुशोभित हैं।

मां ब्रह्मचारिणी के मंत्र

1- ‘ऊँ ऐं ह्रीं क्लीं ब्रह्मचारिण्यै नम:’  

2- ब्रह्मचारयितुम शीलम यस्या सा ब्रह्मचारिणी।

   सच्चीदानन्द सुशीला च विश्वरूपा नमोस्तुते

3- या देवी सर्वभेतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

दधाना कर मद्माभ्याम अक्षमाला कमण्डलू।

देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।।

ब्रह्मचारिणी की स्तोत्र पाठ

तपश्चारिणी त्वंहि तापत्रय निवारणीम्।

ब्रह्मरूपधरा ब्रह्मचारिणी प्रणमाम्यहम्॥

शंकरप्रिया त्वंहि भुक्ति- मुक्ति दायिनी।

शान्तिदा ज्ञानदा ब्रह्मचारिणीप्रणमाम्यहम्॥

मां ब्रह्मचारिणी का भोग

नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी को चीनी का भोग लगाया जाता है। माना जाता है कि चीनी का भोग लगाने से व्यक्ति को हर क्षेत्र में सफलता मिलती हैं इसके साथ ही दुर्घायु होता है।

मां ब्रह्मचारिणी की आरती

जय अंबे ब्रह्मचारिणी माता।

जय चतुरानन प्रिय सुख दाता।

ब्रह्मा जी के मन भाती हो।

ज्ञान सभी को सिखलाती हो।

ब्रह्म मंत्र है जाप तुम्हारा।

जिसको जपे सकल संसारा।

जय गायत्री वेद की माता।

जो मन निस दिन तुम्हें ध्याता।

कमी कोई रहने न पाए।

कोई भी दुख सहने न पाए।

उसकी विरति रहे ठिकाने।

जो तेरी महिमा को जाने।

रुद्राक्ष की माला ले कर।

जपे जो मंत्र श्रद्धा दे कर।

आलस छोड़ करे गुणगाना।

मां तुम उसको सुख पहुंचाना।

ब्रह्मचारिणी तेरो नाम।

पूर्ण करो सब मेरे काम।

भक्त तेरे चरणों का पुजारी।

रखना लाज मेरी महतारी।

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