नई दिल्ली। रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ रहे भारत की सरकारी और निजी क्षेत्र की कंपनियां कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही हैं। इसी के तहत एक प्राइवेट कंपनी ने पहली बार एलसीए तेजस एमके1ए लड़ाकू विमान का बीच का हिस्सा सेंटर फ्यूजलेज असेंबली बनाकर हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को सौंप दिया है। फ्यूजलेज, विमान का हिस्सा होता है।
वीईएम टेक्नोलाजीज ने एचएएल को सौंपा रियर फ्यूजलेज
रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया, हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस एमके1ए के लिए पहली सेंटर फ्यूजलेज असेंबली 30 मई को हैदराबाद में मेसर्स वीईएम टेक्नोलाजीज ने एचएएलको सौंप दी।
एसएएल का दो प्रोडक्शन लाइन बेंगलुरु और एक नासिक में
हैदराबाद में हुआ यह हस्तांतरण एलसीए तेजस एमके1ए के चौथे प्रोडक्शन लाइन के लिए महत्वपूर्ण है। इस समय एसएएल का दो प्रोडक्शन लाइन बेंगलुरु, वहीं एक नासिक में है। यह हस्तांतरण सचिव (रक्षा उत्पादन) संजीव कुमार और एचएएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डीके सुनील की उपस्थिति में हुआ।
हमारे रक्षा निर्यात में भी वृद्धि हो रही है- रक्षा सचिव
सचिव (रक्षा उत्पादन) ने एलसीए एमके 1ए के उत्पादन में तेजी लाने के लिए एचएएल और वीईएम टेक्नोलाजीज के बीच साझेदारी की सराहना की। उन्होंने कहा कि रक्षा उत्पादन में लगभग 10 प्रतिशत वार्षिक दर से महत्वपूर्ण वृद्धि हो रही है। हमारे रक्षा निर्यात में भी वृद्धि हो रही है। बयान में कहा गया, पहली बार एलसीए तेजस के लिए प्रमुख सब असेंबली या हिस्सा प्राइवेट भारतीय कंपनी द्वारा बनाई गई है। एचएएल के सीएमडी ने आश्वासन दिया कि प्रमुख सब असेंबली के निर्माण के साथ, एचएएल एलसीए विमान के उत्पादन को बढ़ाएगा और वायु सेना को समय पर डिलीवरी सुनिश्चित करेगा।
एचएएल की इन कंपनियों के साथ साझेदारी
एचएएल ने एलएंडटी, अल्फा टोकोल इंजीनियरिंग सर्विसेज, टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (टीएएसएल), वीईएम टेक्नोलाजीज और लक्ष्मी मिशन वर्क्स (एलएमडब्ल्यू) जैसी विभिन्न भारतीय प्राइवेट कंपनियों को सेंटर फ्यूजलेज, ईंधन ड्रॉप टैंक, पाइलन, रियर फ्यूजलेज, पंख, फिन जैसे प्रमुख माड्यूल की आपूर्ति के लिए ऑर्डर दिए थे।